महाराष्ट्र के लातूर जिले में आरक्षण की मांग को लेकर सामने आए कुछ सुसाइड नोट के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार, हाल के हफ्तों में आरक्षण, सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद की मांग को लेकर सामने आए कुछ कथित सुसाइड नोट फर्जी पाए गए हैं। ये नोट असल में मृतकों ने नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदारों या परिचितों ने लिखे थे।
मामले में लातूर के पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने बताया कि कई मामलों में जब पुलिस ने मृतकों की हैंडराइटिंग का मिलान किया, तो पाया कि सुसाइड नोट उनकी लिखावट से मेल नहीं खाते। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज, पूछताछ और फोरेंसिक जांच में सामने आया कि ये नोट जानबूझकर बनवाए गए थे ताकि आरक्षण के मुद्दे को उभारकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके और मुआवजा हासिल किया जा सके।
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