मालदीव में चीन की दिलचस्पी से भारत की चिंता बढ़ गई है। भारत के पड़ोसी मुल्क मालदीव के साथ हमेशा से मधुर संबंध रहे हैं, लेकिन बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों की नजदीकी चीन को अखरती रही है। चीन की बढ़ती गतिविधियों के चलते रणनीतिक रूप से भारत से मालदीव दूर होता जा रहा है। मालदीव में सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर मालदीव से कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें लोग ‘इंडिया आउट’ की टी-शर्ट पहने भारत सरकार के खिलाफ विरोध जताते नजर आ रहे हैं। हालांकि भारत विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए मालदीव सरकार एक्शन में है। आखिर मालदीव में भारत विरोध की बड़ी वजह क्या है। मालदीव में भारत विरोधी लहर को चीन किस तरह से हवा दे रहा है। सामरिक रूप से मालदीव भारत के लिए क्यों एक उपयोगी पड़ोसी है।
1- मालदीव को चीन के कर्ज के जाल में ढकेलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अब्दुल्ला यामीन चीन की शह पर भारत के खिलाफ देश में जहरीला अभियान चला रहे हैं। जेल से छूटने के बाद यामीन के ‘इंडिया आउट’ अभियान में और ज्यादा तेजी आई है। इस बीच मालदीव की सरकार में विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने यामीन को कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है। विदेश मंत्री शाहिद ने कहा कि मालदीव को मदद देने वाले पड़ोसी देश पर इस तरह से हमला करना मूर्खता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मालदीव एक संतुलित विदेशी नीति को अपना रहा है।
2- शाहिद ने कहा कि भारत हमारा सहयोगी राष्ट्र है। पड़ोसी देश पर जुबानी हमला बोलना बहुत ही मूर्खतापूर्ण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह की एक संतुलित विदेश नीति है। इंडिया आउट अभियान और चीन के समर्थन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मूल्यों और सिद्धांतों को मानने वाले सभी देशों के साथ सामंजस्य बनाए रखना मालदीव जैसे देश के लिए बहुत जरूरी है, जिसकी एक छोटी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारत ने हर संकट में मालदीव को सहायता मुहैया कराई है।
3- शाहिद ने जोर देकर कहा कि माले में किसी की भी सरकार हो भारत के साथ मधुर संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से हरदम हमें संकट काल में सहायता मिलती रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मौमून का कार्यकाल हो या राष्ट्रपति यामीन का समय हो भारत ने सदैव संकट की घड़ी में देश की मदद की है। मालदीव पर आतंकी हमला हो या देश में सुनामी की आपदा हो माले में पानी का संकट हो या देश में कोरोना महामारी की कठिनाई हो भारत ने हर संकट की घड़ी में मालदीव को सहायता मुहैया कराई है।
रणनीतिक रूप से अहम है मालदीव
- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि मालदीव को चीन के कर्ज के जाल में ढकेलने वाला पूर्व प्रधानमंत्री अब्दुल्ला यामीन चीन को खुश करने के लिए भारत के खिलाफ देश में अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव एक अच्छे पड़ोसी मुल्क हैं। भारत ने पिछले दिनों मालदीव से चीन को बाहर निकालने के लिए रणनीतिक रूप से अहम फैसला लिया था। भारत मालदीव में महत्वपूर्ण संपर्क परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 40 करोड़ डालर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डालर का अनुदान दे रहा है।
- प्रो पंत का कहना है कि मालदीव भारत का अहम पड़ोसी देश है। अरब सागर में 90 हजार वर्ग किमी में फैला मालदीव भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद खास है। मालदीव की जलसीमा से सबसे नजदीक स्थित भारतीय द्वीप मिनीकाय की दूरी मात्र सौ किमी है। यह लक्षद्वीप की राजधानी कावरत्ती से लगभग 400 किमी दूर है। बता दें कि केरल के दक्षिणी बिंदु से मालदीव के इस द्वीप की दूरी मात्र 600 किमी ही है।
- उन्होंने कहा कि मालदीव चीन के कर्ज के पहाड़ तले दबता जा रहा है। मालदीव सरकार के मुताबिक देश पर चीन का 3.1 अरब डालर का भारी-भरकम कर्ज है। वह भी तब जब मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था करीब पांच अरब डालर की है। मालदीव सरकार को यह डर सता रहा है कि मालदीव चीन के कर्ज के जाल में फंस सकता है।