बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन एक दौर में काफी धूमधाम से मनाया जाता रहा है, लेकिन अब सादगी के साथ. मायावती का आज 62वां जन्मदिवस है जिसे पार्टी जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है. इस मौके पर वो अपने जीवन पर आधारित किताब के 13वें संस्करण ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन करेंगी. इसे ब्लू बुक का नाम दिया गया है.
मायावती ने अपने 62वें जन्मदिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा वार किया है. उन्होंने कहा, ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी वाले नरेंद्र मोदी इस बार गुजरात में बेघर होते होते बचे. मायावती ने कहा कि गुजरात में अगर अगर दलितों की 18 से 20 फीसदी वोट होता तो फिर बाल बाल नहीं बच पाते. ऊना कांड ही मोदी के बेघर कर देता अगर दलितों के वोट कम नहीं होते .
मायावती ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार संविधान और कानून बदलना चाहती है.
मायावती ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस और बीजेपी ने हर वर्ग को नुकसान पहुंचाया है. आज देश के हर राज्य में सांप्रदायिक और जातिवाद का माहौल बनाया जा रहा है.
मायावती ने कहा कि मेरे जन्मदिन को बीएसपी के लोग देश भर में बसपा सरकार के रहते हुए सरकार द्वारा भी हमारे संत, गुरुओं की सर्वजन हिताय और सर्वजन सख्य के मूवमेंट को देखते हुए जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाते रहे है. बसपा द्वारा ये ऐसी समाज सेवा है जो सत्ता में ना रहने पे भी जारी रहती है.
मायावती ने कहा कि बसपा एक अकेली ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ो, मुस्लिम और धार्मिक अल्पसंख्यको के मसीहा बाबा साहेब के बताए रास्ते पे चलकर आगे बढ़ रही है.
अम्बेडकर वादी पार्टी बसपा को पूंजीवादी सोच वाली पार्टियां बढ़ते हुए नही देखना चाहती है. पहले कांग्रेस एंड कंपनी और बीजेपी एंड कंपनी ने हमे खत्म करने की कोशिश की है.
मायावती ने कहा, मैं खासकर कांग्रिस पार्टी से ये जानना चाहती हूं कि बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया था. इसके अलावा मंडल आयोग की शिफारिशों को लागू क्यों नहीं किया?
उन्होंने कहा किभाजपा एंड कम्पनी के लोगों की सरकार के चलते भी इस सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था को निष्क्रिय करके लोगों को बेरोज़गार बना रहे हैं.
मायावती ने बीजेपी पर साधा निशाना कहा कि बाबा साहब को भारत रत्न क्यों नही दिया गया था. इसके अलावा मंडल कमीशन की सिफारिशो का बीजेपी ने विरोध किया था. उन्होंने कहा कि समाज के दबे कुचले लोगो को आज भी बराबरी का अधिकार नही मिल पा रहा है. इन वर्गों को अपने पैरों में न तो बीजेपी खड़ा कर पायेगी और न ही कांग्रेस.
मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी दलित और ओबीसी के लिए मे संघर्ष करती रही है और आगे भी करती रहेगी. बीजेपी और आरएसएस हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में EVM पर बड़ा घोटाला करके हमारी पार्टी को राजनीतिक नुकसान पहुचाया गया है. इसके आलावा सहारनपुर की घटना में भी हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन हमारी पार्टी की सूझबूझ से ऐसा नही कर पाए.
मायावती ने कहा कि मुझे राज्यसभा में बोलने नही दिया गया जिसके चलते हमने इस्तीफा दिया. इसी तरह 1951 में बाबा साहब को भी परेशान किया गया था जिसके चलते उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा कि हमारे इस्तीफे से लोगो को अब समझ आ गया है जिसके चलते स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी सफलता मिली.
बीएसपी के महासचिव मुनकाद अली ने कहा कि प्रदेश भर के सभी जिलों में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बहनजी के जन्मदिवस को जन कल्याण के रूप में मनाएंगे. इस मौके पर केट काटने के साथ-साथ सर्वसमाज के अति गरीब, असहाय व अति जरूरतमंद लोगों की विभिन्न रूपों में मदद की जाएगी.
मुनकाद अली ने कहा, मायावती जी लखनऊ पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करेंगीं. उन्होंने कहा कि इस मौके पर वो बसपा की ब्लू बुक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बसपा मूवमेंट का सफरनामा भाग 13वें संस्करण का विमोचन करेंगी.
इस किताब में पार्टी के खड़े होने की शुरुआती दौर की कहानी है, जिनसे सीख लेकर एक बार फिर पार्टी को मजबूती देने की लिए संकल्प बीएसपी कार्यकर्ताओं को दिलाया जाएगा.
बता दें कि एक दौर में मायावती का जन्नदिवस धूमधाम के साथ मनाया जाता था. ये नजारा मायावती के सत्ता में रहते हुए देखने को मिलता था. जब वो सत्ता में रहती तो लखनऊ में एक बड़ी रैली के साथ जन्मदिन मनातीं. मायावती के जन्मदिवस पर कई बार तो पैसे वसूली का आरोप भी लगाया गया. लेकिन सत्ता से बाहर रहते हुए जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
सत्ता से दूर हो चुकी बीएसपी प्रमुख फिर से सीएम की कुर्सी हासिल करने की जुगत में हैं. पहले 2012, फिर 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 में विधानसभा चुनाव में शिकस्त झेलने वाली बीएसपी के इरादे नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद बुलंद नजर आ रहे हैं. पार्टी को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए कितना संघर्ष किया गया उसकी जानकारी आम कार्यकर्ताओं को देने की तैयारी की जा रही है.
मायावती के जन्मदिन और उनके द्वारा किए गए संघर्षों की किताब ब्लू बुक को हथियार बनाया गया है. लगता है कि मायावती ब्लू बुक के जरिए 2019 की सियासी बिसात बिछाने की जुगत में हैं. सूत्रों की मानें तो मायावती इस मौके पर सहारनपुर हिंसा में शब्बीरपुर कांड के तहत दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर बनी सीडी को भी दिखाया जा सकता है.