माफिया चाहे जिस फील्ड के हों- संकट में रहेंगे, डीएम और इंस्पेक्टर की शक्ति बढ़ेगी

1981 के कानून को कमजोर पाते हुए बिहार की नीतीश कुमार सरकार अपराध नियंत्रण के लिए बड़ा और कड़ा कानून बना रही है। विधानसभा में बहुमत वाली सरकार गुरुवार को इसे विधेयक के रूप में लाकर कानून के रूप में लागू कर देगी।

बिहार में जिलाधिकारी से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक की ताकत बढ़ गई है। डीएम किसी अपराधी को राज्य से बाहर निकालने का आदेश भी जारी कर सकते हैं। इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को गैंगस्टरों की तलाशी का अधिकार भी मिल गया। आम आदमी को लेकर भी इस कानून में कुछ है और वह यह कि निजी सीसीटीवी लगा रखा है तो 30 दिनों का वीडियो सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। ऐसे कई प्रावधानों वाला कानून आज विधाससभा में लागू हो गया हो जाए। इस कानून पर मुहर लगाने के लिए सरकार बिहार विधानसभा में बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 गुरुवार को पेश किया गया। सरकार बहुमत से बहुत आगे है, इसलिए इसे पारित होने में व्यवधान नहीं आया। विपक्ष के विधायकों ने इसका विरोध जरूर किया। विपक्ष ने इसे काला कानून बताया। कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने कहा इसपर एक जनमत भी आना चाहिए।

बिहार सरकार जिलाधिकारी को असीमित शक्ति देने जा रही है
इस कानून के जरिए भूमि, बालू, शराब, समेत अन्य अपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इसके अलावा मानव-तस्करी, देह व्यापा, छेड़खानी, दंगा फैलाने और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वालों पर भी इस कानून के जरिए अंकुश लगाया जाएगा। अब जिधाधिकारी इन पर सीधी कार्रवाई कर सकेंगे। बिहार सरकार इसके लिए उन्हें असीमित शक्ति देने जा रही है। इतना ही नहीं जिधाधिकारी द्वारा जारी वारंट बिहार समेत पूरे देश में लागू होगा। जिधाधिकारी को तलाशी और जब्ती का अधिकार होगा। 

संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी पुलिस
बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 में यह प्रावधन किया गया है कि जिलाधिकारी के पास वारंट जारी, गिरफ्तार कर जेल भेजने और बेल देने का अधिकार होगा। उनके पास छह माह तक जिला और राज्य से किसी भी अपराधी को तड़ीपार करने का अधिकार होगा। हालांकि, जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकेगी। बिहार पुलिस अब किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी। उसे कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे हिरासत में रखा जा सकता है। तीन माह से अधिक की हिरासत अवधि नहीं होगी। बिहार पुलिस को इन सब चीज की सूचना लिखित में जिलाधिकारी को देनी होगी। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com