इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर में बहुत तेज़ दर्द होता है. यह दर्द सिर के एक भाग में होता है. इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है.यूपी में बंपर नौकरी: 17 विभागों में 1.68 लाख से ज्यादा पद खाली, जल्द करें आवेदन
माइग्रेन के लक्षण:
- माइग्रेन व्यक्ति को अन्य रोगों जैसे- नजला, जुकाम, पुरानी कब्ज आदि के साथ आ सकता है.
- महिलाओं को यदि मासिक धर्म में कोई गड़बड़ी हो जाती है तो इसके कारण भी माइग्रेन हो सकता है.
- आंखों में दृष्टिदोष तथा अन्य रोग होने के कारण भी माइग्रेन हो जाता है.
- दिल में किसी प्रकार की खराबी तथा शरीर में अधिक कमज़ोरी होने से भी व्यक्ति को माइग्रेन हो जाता है.
- असंतुलित भोजन का अधिक उपयोग करने के कारण माइग्रेन रोग हो सकता है.
- अधिक मेहनत वाला कार्य करने, शारीरिक तथा मानसिक तनाव अधिक हो जाने के कारण माइग्रेन हो सकता है.
- दवाईयों का अधिक उपयोग करने पर भी माइग्रेन हो जाता है.
माइग्रेन रोग के प्राकृतिक उपचार:
- व्यक्ति को रसाहार जैसे- चुकन्दर, ककड़ी, पत्तागोभी, गाजर का रस तथा नारियल पानी का सेवन करना चाहिए. संभव तो इसक साथ उपवास भी रखना चाहिए.
- अधिक मात्रा में फल, सलाद तथा अंकुरित भोजन का सेवन करना चाहिए.
- व्यक्ति को अपने भोजन में मेथी, बथुआ, अंजीर, आंवला, नींबू, अनार, अमरुद, सेब, संतरा तथा धनिया अधिक खाना चाहिए.
- भोजन संबंधित ग़लत आदतें जैसे- देर रात को खाना, समय पर ना खाना आदि को छोड़ देना चाहिए.
- व्यक्ति को मसालेदार खाने से परहेज़ करना चाहिए. बासी, डिब्बाबंद और मिठाइयों का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
- माइग्रेन से ग्रसित व्यक्ति को कुछ दिनों तक तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ सुबह के समय चाटना चाहिए. दूब का रस भी चाटना फ़ायदेमंद होता है. माइग्रेन में फ़ायदा मिलेगा.
- पीपल के पत्तों का रस रोगी व्यक्ति को सुबह शाम देने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा.
- व्यक्ति को नाक से गर्म पानी का भांप लेना चाहिए. यह प्रक्रिया कुछ दिनों तक करने पर माइग्रेन का दर्द ठीक हो जाएगा.
- माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए योगासन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रतिदिन ध्यान, शवासन, योगनिद्रा या फिर प्राणायाम करने से फर्क देखने को मिलेगा. रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा.