मां दुर्गा के भक्तों के लिए यह महीना बहुत ही शुभ है. 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं. चैत्र नवरात्र हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं.
इसी दिन से पंचांग के अनुसार हिंदू नव वर्ष की भी शुरूआत होती है. इस बार के चैत्र नवरात्रि की विशेष बात ये है कि इस बार तिथि का क्षय नहीं होने के कारण पूरे 9 दिन तक पूजा अर्चना और व्रत किए जा सकते हैं. इस तिथि पर गुड़ी पड़वा और श्री झुलेलाल जयंती भी है.
इस दिन होगी कलश की स्थाना
25 मार्च 2020 से जिस दिन चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होगी उसी दिन कलश की भी स्थापना होगी.
29 मार्च को बन रहा है विशेष योग
चैत्र नवरात्रि पर एक विशेष योग का भी निर्माण हो रहा है. ज्योतिषाचार्य शिल्पा राना बताती हैं कि नवरात्रि के बीच में ही गुरु अपनी राशि धनु से मकर में जाएगा.
29 मार्च को गुरु का गोचर होगा. मकर गुरु की नीच राशि है. नवरात्रि के मध्य गुरु का गोचर होने के कारण गुरु नीच का हो जाएगा. चैत्र नवरात्रि गुरुवार, 2 अप्रैल तक रहेगी. मकर में शनि और मंगल पहले से ही विराजमान होेंगे जो एक दुर्लभ संयोग का निर्माण कर रहे हैं.
ज्योतिष के अनुसार 11 अप्रैल 1842 से चैत्र माह की नवरात्रि शुरुआत हुई थी. तब नवरात्रि में 16 अप्रैल को गुरु ने मकर राशि में गोचर किया था. इसी प्रकार 29 मार्च 2020 को भी ऐसा ही संयोग बन रहा है. 25 मार्च से नवरात्रि शुरू होगी और 29 मार्च को गुरु का राशि परिवर्तन होगा.
बुधवार 25 मार्च से हिंदू नववर्ष का आरंभ होगा. इस दिन से हिंदी नववर्ष विक्रम संवत् 2077 आरंभ होगा. इसे प्रमादी नाम से भी जाना जाता है. गुरुवार को नवरात्रि का अंतिम दिन होगा.
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक प्रमादी संवत् के राजा बुध और मंत्री चंद्र होंगे. लेकिन बुध और चंद्र आपस में शत्रु भाव रखते है. जनता और राजा के बीच मतभेद भी देखने को मिलेंगे.
यह संयोग यह भी दर्शाता है कि इस योग के निर्माण से लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी. वहीं मंहगाई बढ़ सकती है फसलों पर बुरा असर पड़ेगा और प्राकृतिक आपदाओं की भी स्थिति बनेगी.
नवरात्रि पर पूजा
पहला दिन- देवी शैलपुत्री
दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन- चंद्रघंटा
चौथा दिन- कूष्मांडा
पांचवा दिन- स्कंध माता
छठा दिन- कात्यायिनी
सातवां दिन- कालरात्रि
आठवां दिन- महागौरी
नौवां दिन- सिद्धिदात्री