नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है। 17 अक्तूबर से 24 अक्तूबर तक देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम रहेगी। इस बार कोरोना वायरस का असर नवरात्रि में भी देखने को मिल रहा है। हर साल की तरह इस बार मंदिरों में अधिक भीड़ नहीं है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको मां दुर्गा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो शापित है। मां के इस मंदिर में भक्त दर्शन करने से कतराते हैं।

हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो मंदिर मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित है। इस मंदिर में लोग दर्शन के लिए नहीं जाते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मां दुर्गा के इस मंदिर में बलि चढ़ाना जरूरी है। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि मां के इस मंदिर में किसी औरत की आत्मा भटकती है।
मां के इस मंदिर का निर्माण देवास के महाराज ने करवाया था। मंदिर के निर्माण के बाद राजघराने में कोई न कोई अशुभ घटना होती रहती थी। इसी दौरान सेनापती और राजकुमारी के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। राजा नहीं चाहता था कि उसकी बेटी की शादी किसी सेनापति से हो। राजा ने अपनी बेटी को बंधक बना लिया और इसी दौरान राजकुमारी की मौत हो गई।
राजकुमारी की मौत की खबर सुनकर सेनापति ने इस मंदिर में आत्महत्या कर ली। सेनापति की आत्महत्या के बाद राजपुरोहित ने राजा को बताया कि यह मंदिर अब अपिवत्र हो गया है और यहां पूजा करने का कोई लाभ नहीं होगा।
पुरोहित ने राजा से ये भी कहा कि स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा को इस मंदिर से हटाकर कहीं और प्रतिष्ठित करना होगा। तब राजा ने तुरंत मां दुर्गा की प्रतिमा को उज्जैन के गणेश मंदिर में स्थापित करा दिया। इसके बाद भी मंदिर में अजीबोगरीब घटनाएं घटित होती रहती थी। मंदिर को तब से लेकर आज तक शापित माना जाता है।
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