शिवसेना के मुखपत्र सामना में इस बात का ज़िक्र किया गया है कि कोरोना वायरस की महामारी के सामने किस तरह देश-विदेश के सबसे ताकतवार नेता बिल्कुल असहाय हो गए हैं.
अखबार के संपादकीय में लिखा गया है, “महासत्ता के नाम से घूमनेवालों की मस्ती एक विषाणु ने उतार दी है.” साथ ही कहा गया है, “नाना पाटेकर का एक ‘डायलॉग’ इस समय सबको याद आ रहा होगा, ‘एक मच्छर आदमी को … बना देता है!’ कोरोना वायरस मतलब मच्छर नहीं लेकिन इस वायरस ने सभी को असहाय और निराश कर दिया है. ट्रंप से लेकर मोदी तक सभी बेचैन और अस्थिर हो गए हैं. यह अस्थिरता संसार को कहां ले जाएगी?”
संपादकीय के मुताबिक, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित लोग हैं. फिलहाल 33 लोगों की देखरेख अलग-अलग अस्पतालों में हो रही है.
हालांकि किसी भी मरीज़ की हालत गंभीर नहीं बताई जा रही है लेकिन अखबार के संपादकीय में लिखा है कि कोरोना से भागने के लिए जमीन कम पड़ रही है.
“यह संकट महामारी है. कोरोना का मुकाबला करने के लिए महामारी कानून का उपयोग करना पड़ रहा है. यह कानून अंग्रेजों का था. प्लेग से मुकाबला करने के लिए इसी कानून का उपयोग हुआ था.
अखबार में राज्य सरकार की रणनीति के बारे में ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि “सतर्कता बरतते हुए उपायस्वरूप 31 मार्च तक राज्य के विद्यालय, कॉलेज, मॉल, थिएटर बंद कर दिए हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन न करने का आह्वान किया है. देश में कोरोना की प्रचंड दहशत फैली है. लोगों को उनकी जान प्यारी है लेकिन अंत में ऐसे ‘बंद’ वगैरह लंबे समय तक चलता रहा तो लोग कमाएंगे कैसे? खाएंगे कैसे? यह समस्या है. कोरोना से तो बचाव होगा लेकिन भूख से लोग मर जाएंगे.
महाराष्ट्र के पुणे में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं और इसी लिए संपादकीय में लिखा गया है, “चीन के वुहान प्रांत की तरह पुणे की भी संपूर्ण नाकाबंदी की जाए क्या? इस पर निर्णय लेना आवश्यक है.
लेकिन इस समय हिंदुस्थान में कोरोना वायरस दूसरे चरण का है. इसमें केवल कोरोनाग्रस्त देश से आए हुए व्यक्ति और उनके संपर्क में आए हुए मरीजों का समावेश है.
कोरोना के संक्रमण को इसी चरण में रोकना जरूरी है. इसके आगे 30 दिन कोरोना को रोक कर रखना महत्वपूर्ण है. एक बार ‘कोरोना’ संक्रमित रोगों की तरह फैलने लगा तो स्थिति हाथ से बाहर निकल जाएगी. इसलिए शासन को सख्त से सख्त उपाय करने की आवश्यकता है.”