महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की आग अभी थमी नहीं है। मराठा आरक्षण का चेहरा बन चुके मनोज जरांगे ने एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार 17 सितंबर से पहले मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पिछले सप्ताह जारी किए गए सरकारी आदेश को लागू करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह फिर से ‘कठोर निर्णय’ लेने के लिए बाध्य होंगे।
छत्रपति संभाजीनगर के अस्पताल में जरांगे ने संवाददाताओं से कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार राज्य के तालुका स्तर के कार्यालयों से जीआर पर कार्रवाई करने को कहेगी। हमें उम्मीद है कि 17 सितंबर से पहले काम शुरू हो जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुझे कड़े फैसले लेने होंगे। गौरतलब है कि बीते सप्ताह मुंबई में अपना आंदोलन वापस लेने के बाद से वह अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
इस दौरान जरांगे ने यह भी कहा कि सर्टिफिकेट का वितरण 17 सितंबर से पहले जीआर के आधार पर शुरू हो जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि सरकार इस पर कार्रवाई करेगी। अगर वे येओला (जाहिर तौर पर मंत्री छगन भुजबल की ओर इशारा करते हुए) के किसी व्यक्ति की बात सुनते हैं और कुछ भी गलत होता है, तो हम 1994 के जीआर को भी चुनौती देंगे, जिसके तहत हमारा आरक्षण दूसरों को दे दिया गया था।
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