महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए भाजपा नीत महायुति सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब ईवी वाहन चालकों को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे , नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग और अटल सेतु पर टोल नहीं देना होगा। यह व्यवस्था अगले हफ्ते तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इतना ही नहीं, 22 अगस्त के बाद इन सड़कों पर ईवी वाहनों से लिए गए टोल का पैसा भी वापस किया जाएगा, बशर्ते वाहन मालिक को टोल भुगतान की रसीद या प्रमाण जमा करना होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार को सरकार को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि EV पॉलिसी 2025 के तहत तय की गई टोल माफी को पूरी तरह लागू किया जाए और जहां भी गलत तरीके से टोल वसूला गया है, उसे वापस किया जाए। इस मुद्दे पर सवाल उठने के बाद मंत्री दादा भूसे ने माना कि पॉलिसी लागू होने के बावजूद कुछ इलेक्ट्रिक वाहन से टोल वसूले गए है।
EV नीति लागू, फिर भी कटा टोल
प्रश्नकाल के दौरान विधायकों ने तीन प्रमुख सड़कों पर ईवी के लिए घोषित टोल माफी को लेकर सवाल उठाए। इस पर मंत्री दादा भूसे ने बताया कि राज्य सरकार ने 23 मई को EV पॉलिसी की घोषणा की थी और इसे 22 अगस्त से लागू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि टोल माफी का लाभ पाने के लिए EV की FASTag का वाहन डेटाबेस ‘VAHAN’ से लिंक होना जरूरी है। इसी प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने में समय लग रहा था, इसलिए कुछ मामलों में टोल कटौती हुई।
इसके बाद स्पीकर ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगस्त से नीति लागू होने के बाद किसी भी EV से टोल लेना अवैध है। उन्होंने सरकार को निर्देश दिया कि आठ दिनों के भीतर पूरी व्यवस्था तैयार कर ली जाए और एक भी ईवी से टोल नहीं लिया जाए।
टोल रिफंड के दिए निर्देश
स्पीकर नार्वेकर ने यह भी कहा कि 22 अगस्त के बाद जिन ईवी मालिकों से टोल वसूला गया है, उनका पैसा वापस किया जाए। इसके लिए एक सुचारु सिस्टम स्थापित किया जाए, जहां वाहन मालिक प्रमाण जमा कर रिफंड प्राप्त कर सकेंगे। इस पर मंत्री भूसे ने आश्वस्त किया कि सरकार उनके निर्देशों को पूरी तरह से लागू करेगी और ईवी मालिकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
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