राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को आरएसएस से जुड़े मराठी साप्ताहिक में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन छोड़ने के लिए एक सूक्ष्म संदेश है। बता दें कि बुधवार को महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से चार बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी (अजित गुट) में सियासी हलचल काफी तेज हो चुकी है। अजित पवार (Ajit Pawar) को पिछले कुछ दिनों में कई राजनीतिक झटके लग चुके हैं।
बुधवार को महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से चार बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद खबर सामने आई कि अजित गुट के लगभग दो दर्जन पदाधिकारी ने भी शरद गुट का दामन थाम लिया। इसमें कई महिलाओं सहित 20 पूर्व नगर पार्षद शामिल हैं।
आरएसएस ने महायुति गठबंधन को लेकर किया बड़ा दावा
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े एक मराठी मैग्जीन ने भाजपा का अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ हुए गठबंधन को लेकर आपत्ति जताई । मैग्जीन में दिए गए एक लेख में कहा गया है कि लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रदर्शन इसलिए खराब रहा क्योंकि बीजेपी ने अजित पवार की पार्टी NCP के साथ गठबंधन किया।
अजित पवार से दूरी बनाना चाहती भाजपा: क्लाइड क्रैस्टो
इन सभी घटनाओं के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को आरएसएस से जुड़े मराठी साप्ताहिक में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन छोड़ने के लिए एक सूक्ष्म संदेश है।
राकांपा (शरद गुट) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद, भाजपा महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन बीजेपी को अहसास हो रहा है कि लोकसभा चुनाव के तरह ही आगामी विधानसभा चुनाव में ‘महायुति गठबंधन’ को नुकसान होगा।
राज्य के लोगों को महायुति गठबंधन स्वीकार्य नहीं
क्लाइड क्रैस्टो ने आगा दावा किया कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने राकांपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ भाजपा के गठबंधन को स्वीकार नहीं किया है। अजित पवार को अपने साथ लाने के फैसले ने भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी को महाराष्ट्र में कई लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में यह वर्तमान वास्तविकता है। ऐसा लगता है कि लोगों ने महायुति गठबंधन को स्वीकार्य नहीं किया है।
इस लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के भीतर बीजेपी महज नौ सीटें जीतने में कामयाब रही। उसकी सहयोगी शिवसेना ने सात सीटें हासिल की और डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में जीतने में कामयाब रही। वहीं, राज्य में विपक्षी अघाड़ी दल 48 में से 30 सीटें जीतने में सफल रही।