आज हम आपको ऐसी जगह लेके जाएंगे जिसका रिश्ता महाभारत से जुड़ा हुआ है. देहरादून शहर से लगभग 70 किमी दूर विराटखाई है. इस जगह का नाम यहां के राजा विराट के नाम पर पड़ा, साथ ही यहां एक गहरी खाई भी मौजूद है. महाभारत काल में जब पांडव 13 वर्ष का अज्ञातवास काट रहे थे, तब वह राजा विराट के सेवक बन कर रहे थे. यह जगह बहुत ही खूबसूरत है, यहां पर रोमांचक खेलों का भी जमकर लुत्फ़ उठाया जा सकता है.
1950 मीटर की ऊंचाई पर विराटखाई से देहरादून और मसूरी स्पष्ट रूप से दिखाई देते है. इस जगह पर इतनी शांति है कि फुसफुसाहट भी आसानी से सुनी जा सकती है. विराटखाई के रास्तें ऊंचे ऊंचे पेड़ों से घिरे हुए है. जंगल में तेंदुए जैसे कई जंगली बिल्लियां भी है. विराटखाई के पास एक गांव नेतवार है, जहां दुर्योधन की पूजा की जाती है. विराटखाई पांचाली परंपरा का अद्भुत उदाहरण है. यहाँ एक महिला घर के सभी पुरुषों से शादी रचाती है जैसे द्रौपदी का पांच पांडवों से शादी विवाह हुआ था. बदलते समय के कारण यह परंपरा अब नहीं निभाई जाती है, किन्तु फिर भी कुछ घरो में इस परंपरा को निभाते देखा जा सकता है.
विराटखाई पर शीर्ष से आप पश्चिम में धौधारधार शिखर से हिमाचल पर्वतमाला, बांदरपंच, केदार डोम, केदार पीक, सुमेरू तक देख सकते है. यदि ट्रेकिंग करना चाहते है तो झुलके डांडा तक जा सकते है. यहां ट्रेकिंग करने में एक से डेढ़ घंटा लगता है. शीर्ष पर भगवान भद्रा का एक छोटा सा मंदिर भी है, जिसे बारिश का देवता भी कहा जाता है. यहां के दर्शन भी किये जा सकते है.
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