राम जन्मभूमि न्यास के एक वरिष्ठ सदस्य ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने महंत नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर ट्रस्ट में सर्वोच्च पद देने का आश्वासन दिया है. नृत्य गोपाल दास विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि न्यास के महंत हैं.
राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और नृत्य गोपाल दास के वारिस महंत कमल नयन दास ने ने कहा, “सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की घोषणा के बाद संत समाज के लोग निराश थे.
वे नाराज थे क्योंकि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष को किनारे कर दिया गया. हमने गुरुवार को एक आपात बैठक भी बुलाई थी, लेकिन दिल्ली से फोन आने के बाद इस बैठक को रद्द कर दिया गया.”
महंत कमल नयन दास ने बताया, “नरेंद्र मोदी सरकार में एक शीर्ष मंत्री ने गुरुवार को और शुक्रवार सुबह फिर से नृत्य गोपाल दास से बात की. उन्होंने आश्वासन दिया है कि नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया जाएगा और वीएचपी के एक वरिष्ठ सदस्य को महासचिव नियुक्त किया जाएगा. इसकी औपचारिक घोषणा 8-10 दिनों के भीतर की जाएगी. अब हम सभी खुश हैं और इसके घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे हैं.”
संत कमल नयन का कहना है कि राम जन्मभूमि न्यास और विहिप ने राम मंदिर आंदोलन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और यही कारण है कि हम प्रमुख पदों के दावेदार हैं. उनका कहना है कि यह भी स्पष्ट है कि मंदिर निर्माण के लिए विहिप द्वारा तैयार किए गए मंदिर मॉडल को ही अंतिम रूप दिया गया है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि नृत्य गोपाल दास के नाम की घोषणा बुधवार को नहीं की गई क्योंकि उनके खिलाफ सीबीआई अदालत में केस लंबित है. इसलिए उनके नाम की घोषणा में देरी हुई.
हालांकि महंत कमल नयन दास के इन दावों पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
इसी बीच सूत्रों ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र द्वारा गठित ट्रस्ट इस महीने के अंत में अपनी पहली बैठक आयोजित करेगा और भव्य मंदिर निर्माण का काम राम नवमी के शुभ दिन से शुरू हो सकता है.
केंद्र सरकार ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं के प्रबंधन के लिए ट्रस्टियों के नामों की घोषणा की थी. आश्चर्यजनक रूप से, अधिकांश वे नाम सूची से गायब थे, जिनके ट्रस्ट में होने की अपेक्षा की जा रही थी. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और रामविलास वेदांती का नाम इस सूची से गायब था.
इस बात से निराश महंतों ने गुरुवार को अपराह्न तीन बजे अयोध्या में एक सभा आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन दिल्ली के कुछ वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद इस बैठक को रद्द कर दिया गया. बाद में संतों की ओर से कहा गया कि इस मामले को शीर्ष लोग देख रहे हैं और वे इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करेंगे.
इस 15 सदस्यीय ट्रस्ट में वरिष्ठ वकील के पाराशरण समेत जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर (प्रयागराज) के स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, कर्नाटक के पेजावर मठ के जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी प्रसन्नतीर्थ, हरिद्वार के अखंड आश्रम प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज, पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज, अयोध्या के राजपरिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आदि प्रमुख नामों को शामिल किया गया है.