पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है. ममता ने कहा कि केवल निंदा करने के बजाय भाजपा को अपने नेताओं को नियंत्रित करना चाहिए.
उन्होंने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनाथ जी (केन्द्रीय गृह मंत्री) ने संसद में घटना की निंदा की. लेकिन निंदा करने के बजाय वे ऊपर से लेकर नीचे तक अपने नेताओं को नियंत्रित क्यों नहीं कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल उनके नफरत भरे अभियान के कारण हुआ है कि इतने सारे लोग मारे (पीट – पीट कर हत्या की घटनाओं में) गये हैं. इसकी शुरूआत घर से होनी चाहिए.’’
बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में चार महिलाओं से कथित तौर पर मारपीट की और उनमें से दो को निर्वस्त्र कर दिया. पुलिस ने बताया कि घटना धूपगुड़ी प्रखंड के दवकिमारी गांव में हुई. बच्चा चोर होने के संदेह में जिले में इस महीने हमले की यह चौथी घटना है.
मई से जुलाई 2018 के बीच भारत के विभिन्न हिस्सों में 14 अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं. हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) इस तरह के मामलों का अलग से लेखा-जोखा नहीं रखता है, लेकिन भीड़ द्वारा हत्या तथा कानून को अपने हाथ में लेने की घटनाएं बढ़ रही हैं. कुछ मामलों में पीड़ितों के बारे में माना गया कि वे बीफ खाते हैं या गोकशी के धंधे में लिप्त हैं, जबकि अन्य के बारे में माना गया कि वे किडनी के तस्कर हैं. कई मामलों में पीड़ितों को बच्चा चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर मारा डाला गया. कानून को अपने हाथों लेकर न्याय करने की घटनाओं के कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मुख्य कारण आमतौर पर एक ही होता है – वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले संदेशों के कारण अफवाहें फैलना.
इधर, केंद्र सरकार ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नया कानून बनाने की संभावना पर प्रारंभिक बातचीत शुरू कर दी है. इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि भारतीय दंड संहिता में संशोधन कर ‘भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने’ को दंडात्मक अपराध बनाया जाए.