मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से ED की पूछताछ की

भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के बूते दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी अब खुद भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद और दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मंगलवार को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की.  

क्या हैं आरोप

आरोपों के मुताबिक, तीन निजी फर्मों के जरिए से 2015-16 में सत्येंद्र जैन एक सार्वजनिक कर्मचारी होने के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे. उन्होंने तीन निजी कंपनियों – प्रायाज इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, अकिनन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मनगलियातन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों में कथित तौर पर कई करोड़ रुपए की बेहिसाब आय का इस्तेमाल किया. जैन और उनके परिवार की इन कंपनियों में शेयर हैं.

सत्येंद्र जैन करीब 16 करोड़ रुपये के हवाला हस्तांतरण की वजह से आयकर विभाग के रडार पर आए थे, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हवाला ऑपरेटरों के साथ कथित संबंधों के खिलाफ एक अलग जांच शुरू की थी. सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोपों में इन कंपनियों और इंडेट्टल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 2010-12 के दौरान 11.78 करोड़ रुपए की धनराशि का आरोप लगाया गया है.

  एक छापेमारी के दौरान सीबीआई के हाथ जो दस्तावेज हाथ लगे थे उसमें दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा ज़मीन, 8 बीघा ज़मीन और 14 बीघा जमीन शामिल है. इसके अलावा 2011 में बैंक में जमा की गई 2 करोड़ रुपए की जमा पर्ची, 41 चेक बुक और पैसे के लेन-देन से जुड़े कई दस्तावेज़ मिले हैं.

सीबीआई की माने तो सत्येंद्र जैन से जुड़े सारे दस्तावेज दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार, डॉक्टर ऋषि राज के लॉकर से मिले हैं. सीबीआई की पूछताछ में ऋषि राज ने बताया कि दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेसीडेंट अरुण गुप्ता के घर में भी सत्येंद्र जैन से जुड़े कुछ सबूत मौजूद हैं, जिसके बाद सीबीआई ने अरुण गुप्ता के यहां छापा मारकर 3 लैपटॉप और 4 हार्ड-डिस्क बरामद किए थे.

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