रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी के घर के पास जिलेटिन से भरी मिली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत का रहस्य गहरा गया है। मुंब्रा खाड़ी से जब मनसुख का शव निकाला गया तो वह मास्क पहने हुए थे और मास्क के अंदर छह-सात रुमाल ठूंसे हुए मिले।
इससे हत्या की आशंका जताई जा रही है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर किसी भी तरह का जख्म का उल्लेख नहीं है। प्राथमिक रिपोर्ट में पानी में डूबने से मौत होने की बात कही गई है। वहीं, एटीएस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
वाघमारे और भगवान पंडित नामक दो युवकों ने मीडिया को बताया कि वह लघुशंका के लिए गए थे, तभी उसने किनारे पर शव देखा। इसके बाद 100 नंबर पर फोन किया। उसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने शव को क्रेन की सहायता से बाहर निकाला।
इस दौरान जब हिरेन का मास्क निकाला गया तो उसके अंदर कई रुमाल ठूसे हुए मिले। वहीं, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि जब हिरेन का शव खाड़ी से निकाला गया तो उनके दोनो हाथ बंधे थे। क्या दोनों हाथ बांधकर कोई आत्महत्या कर सकता है।
शनिवार को दोपहर के बाद पोस्टमार्टम के बाद हिरेन का शव उनके परिवार को सौंपने की कवायद शुरू हुई। ठाणे पुलिस उपायुक्त अविनाश अंबोरे पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर हिरेन के घर गए। लेकिन परिवार ने पोस्टमार्टम पर सवाल उठाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया।
परिवार का कहना है कि मनसुख के नाक पर गहरे घाव हैं लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कोई जिक्र नहीं है। परिवार के साथ ही ठाणे व्यापारी संघ ने भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन का कहना है कि उनके पति कभी आत्महत्या नहीं कर सकते। विमला का कहना है कि उनके पति कांदिवली क्राइम ब्रांच के तावड़े नामक एक पुलिसकर्मी के बुलाने पर गए थे। लेकिन उसके दूसरे दिन उनका शव खाड़ी में मिला। उन्होंने कहा कि स्कॉर्पियो ेके अंबानी के घर के पास मिलने के बाद पुलिस किसी भी वक्त उनके पति के पूछताछ के लिए बुलाती थी।
स्कॉर्पियो गाड़ी के सिलसिले में पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए हिरेन ने मौत से तीन दिन पहले यानी दो मार्च को मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और ठाणे पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा था। पत्र में हिरेन ने पत्र में लिखा है कि पीड़ित होने के बावजूद उन्हें बार-बार पूछताछ कर परेशान किया जा रहा है और आरोपी की तरह व्यवहार किया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की भूमिका को लेकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी सवाल उठाया है। मनसे नेता व पूर्व पार्षद संदीप देशपांडे ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनते ही सचिन वाजे पुलिस सेवा में कैसे आए। उन्हें ही जांच क्यों सौंपा जा रहा है। शिवसेना और वाजे का क्या लिंक है।