मधुमेह रोगियों की आंखों को धुंधलेपन से बचाने के हैं ये चार उपाय

डायबिटीज में आंखों के धुंधलेपन यानि डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के सामने एक बड़ी समस्या है। हाई ब्‍लड शुगर लेवल शख्स की आंखों को हार्म पहुंचाता है। जिससे कि आपकी आंखों के रेटिना को हार्म पहुंचता है और इससे आपकी नजर धुंधली होने लगती है। अगर शुरूआत में ही इसका अच्छा इलाज नहीं किया गया, तो यह अंधेपन की स्थिति पैदा कर सकती है।

अगर आप भी मधुमेह के रोगी हैं, तो आपको छ: महीने या फिर साल भर में एक बार डाक्‍टर से अपनी आंखों की चेकअप जरूर करवा लेनी चाहिए। आइए यहां हम आपको डायबिटिक रेटिनोपैथी के खतरे को कम करने के लिए कुछ साधारण से उपाय बता रहे हैं, जिनसे आपको सहायता मिल सकती है। धूम्रपान को अलविदा कहें डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचने के लिए धूम्रपान को छोड़ दें।

इन आदतों को कम करने और छोड़ने के लिए आप जैली, च्‍वींगम या इलायची अपने पास रखें और जब भी आपका तंबाकू या सिगरेट पीने की इच्छा हो, तो जैली या इलायची का सेवन करें। बीपी को कंट्रोल रखें मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को बीपी कंट्रोल में रखना जरूरी है। स्वस्थ और संतुलित आहार एवं योग के जरिए अपने ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें।

ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करें डायबिटिक रेटिनोपैथी को रोकने के लिए आपको अपने ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की आवश्यकता है, क्‍योंकि यह आपकी धुंधली नजर का कारण बन सकता है। इसके लिए आप हाई फाइबरयुक्‍त भोजन जैसे कि बाजरे की खिचड़ी अथवा दूसरे खाद्य पदार्थ, जो कि डायबिटिक डाइट में शामिल हों, उनका उपयोग करें। वजन को कंट्रोल में रखें बढ़ता वजन डायबिटीज और डायबिटिक रेटिनोपैथी दोनो के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए जरूरी है कि वजन को कंट्रोल में रखा जाए। इसके लिए हाई फाइबरयुक्‍त आहार का सेवन करें।

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