पांचवें चरण की वोटिंग के बाद उत्तर प्रदेश में अब सियासी रणभूमि का मैदान पूर्वांचल बन गया है. अगले दोनों चरण की लड़ाई केंद्र की सत्ता का भविष्य तय करेगी. ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन ने पूरी ताकत लगाए हुए हैं. सत्ताधारी बीजेपी अपना किला बचाने में जुटी है तो कांग्रेस नए राजनीतिक समीकरण के जरिए पूर्वांचल में दमदार वापसी की कोशिश में है. जबकि सपा-बसपा गठबंधन के सामने अपने वोटों के ट्रांसफर की बड़ी चुनौती है, जिसके चलते अखिलेश यादव और मायावती ने दोनों नेताओं ने नई रणनीति बनाई है.