मतदान के लिए डराना, धमकाना और लालच देकर प्रभावित करना अपराध के साथ ही भ्रष्ट आचरण भी माना जाएगा। निर्वाचन आयोग ने ऐसे मामलों में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। आयोग से निर्देश जारी हुए हैं कि इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।
आयोग ने जारी किए हैं सख्त निर्देश
आयोग के निर्देश के मुताबिक मतदाताओं को डराने, धमकाने, प्रभावित करने और घूस देने के सभी रूपों को अवश्य रोका जाना चाहिए। मतदाताओं के प्रलोभन के लिए नकदी, उपहार वस्तुएं, मदिरा या मुफ्त भोजन का वितरण अथवा भयभीत करने के लिए धनशक्ति और बाहुबल का इस्तेमाल किए जाने की शिकायतें मिलते ही उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग के निर्देश के मुताबिक मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी या घूस की कोई भी वस्तु का वितरण या बाहुबल का इस्तेमाल करना आइपीसी की धारा 171ख और 172ग के तहत अपराध है। यही नहीं अब लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण भी माना जाएगा।
स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की टीम की रहेगी पैनी नजर
चुनाव के दौरान अत्यधिक प्रचार खर्चों, घूस की वस्तुओं का नकद या वस्तु रूप में वितरण, अवैध असलहों, गोला-बारूद, मदिरा या असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर निगरानी रखने के लिए स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की टीम के साथ उडऩदस्ते गठित किए गए हैं। इन टीमों की पैनी नजर है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन उडऩदस्ते और दो स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की टीम लगाई गई है।
लैंडिंग होते ही हेलीकॉप्टर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की टीम के कब्जे में होंगे
स्टार प्रचारक जैसे ही लैंडिंग करेंगे, वैसे उनका हेलीकॉप्टर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की टीम के कब्जे में हो जाएगा। प्लेन से आएंगे तो प्लेन भी फौरन हैंडओवर कर लिया जाएगा। हेलीकॉप्टर और प्लेन की जांच की जाएगी। जांच के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।