मतगणना को लेकर शाहीन बाग और जामिया में अफवाहों का बाजार गर्म

दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती का असर दिल्ली के शाहीन बाग में भी देखा जा रहा है। मंगलवार की सुबह से ही शाहीन बाग का धरनास्थल खाली पड़ा है। यहां इक्का-दुक्का लोग ही धरना स्थल पर मौजूद हैं।

पिछले करीब दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शाहीन बाग में जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा था, वैसा कुछ मतगणना के दिन देखने को नहीं मिला है।

मंगलवार की सुबह शाहीन बाग का धरनास्थल लगभग खाली दिखाई दे रहा है। इससे पहले शनिवार को वोटिंग के दिन भी शाहीन बाग का धरनास्थल खाली दिखाई दिया था।

धरने पर बैठे लोगों के बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साह देखने को मिला था। पूरी ओखला विधानसभा सीट और खासकर शाहीन बाग इलाके में शनिवार सुबह से ही मतदाता पोलिंग बूथ पर पहुंचने लगे थे।

यहां के मतदान केंद्रों पर वोटिंग के लिए मतदाताओं की भारी भीड़ दिखाई दी थी। यहां मतदाताओं की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि शाहीन पब्लिक स्कूल में खड़े मतदाताओं की करीब आधी किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी।

आपको बता दें कि शाहीन बाग इलाका ओखला विधानसभा क्षेत्र के अंदर आता है। यहां पिछले 15 दिसंबर से भारी संख्या में लोग नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में बैठे हुए हैं।

मतगणना के चलते आज धरनास्थल पर लोग नजर नहीं आ रहे हैं। यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। पंडाल में इक्का-दुक्का लोग ही मौजूद हैं। 15 दिसंबर से यहां की सड़कें जाम हैं। लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।

पिछले दिनों यहां गोलीबारी की घटना हो गई थी, जिसके बाद माहौल और भी ज्यादा गंभीर हो गया था। ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने अमानतुल्ला खान, भारतीय जनता पार्टी ने ब्रह्म सिंह और कांग्रेस ने परवेज हाशमी को उतारा था।

इससे पहले मतगणना को लेकर शाहीन बाग और जामिया में अफवाहों का बाजार भी गर्म है। लोगों का कहना है कि शायद मतगणना के बाद शाहीन बाग और जामिया में चल रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया जाएगा। हालांकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार किसी की भी बने, लेकिन उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
मतगणना को लेकर भी मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। हार और जीत में ईवीएम से छेड़छाड़ को जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी ओर एग्जिट पोल के नतीजों को देखकर लोगों में खासा उत्साह भी देखा जा रहा है।शाहीन बाग में पहले दिन से प्रदर्शन का हिस्से रहे अहमद का कहना है कि चुनाव के दौरान ही कुछ लोगों ने कहा था कि चुनाव परिणाम आने के बाद उसी दिन शाहीन बाग के धरने को हटवा दिया जाएगा। लोग इसको लेकर डरे हुए हैं।

लोगों को डर है कि मंगलवार को जबरन उनके प्रदर्शन को खत्म न करवा दिया जाए। अहमद ने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शन स्थल पर ज्यादा से ज्यादा लोगों से आने की अपील की जा रही है।

जामिया की छात्रा बुशरा ने कहा कि उनकी लड़ाई संविधान बचाने की है। मतगणना से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है, सरकार किसी की भी बने, उनका प्रदर्शन तो जारी रहेगा। दूसरी ओर मतगणना को लेकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के लोग आश्वस्त होने के साथ डरे भी हुए हैं। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी को हराने के लिए बाकी राजनीतिक दल किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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