श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संतों से कहा कि राम मंदिर की हजार वर्ष की आयु कोरी कल्पना है। तीन से चार सौ वर्ष की गारंटी भी मिल जाए तो हम निर्माण के लिए सहमत हैं।
चंपत राय संतों को राम मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए की गई पाइलिंग टेस्टिंग फेल हो गई। कंकरीट के खंभे 700 टन का लोड डालते ही धंस गए। मंदिर की आयु बढ़ाने के लिए सीमेंट में अभ्रक, कोयले के साथ कुछ अन्य केमिकल मिलाने पर विचार चल रहा है।
दरअसल, देश भर के विशेषज्ञों ने राममंदिर के लिए हजार वर्ष की लिखित गारंटी देने में हाथ खड़े कर दिए हैं। मंदिर के लिए बनाई गई टेस्ट पाइलिंग पहले ही फेल हो चुकी है। टेस्ट पिलर पर लोड डालने के बाद जैसे ही भूकंप जैसे झटके दिए गए उनमें दरारें आ गईं और वे लचक गए। इसे देखते हुए ट्रस्ट ने नए सिरे से तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मंथन शुरू कर दिया है।
कोई भी समिति हजार साल तक मंदिर सुरक्षित रखने की गारंटी नहीं दे सकी
मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी को सौंपी है। इसकी मजबूती के लिए विशेषज्ञों की आठ सदस्यीय टीम भी बनाई गई है। लेकिन कोई भी हजार साल तक सुरक्षित रहने वाले मंदिर की गारंटी देने को तैयार नहीं है।
मंदिर की 32 सीढ़ियां चढ़कर रामलला के दर्शन होंगे। इस कार्य में 16 हजार घन फीट पत्थर लगेंगे। इसके लिए साढे़ 16 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यह दो फीट लंबा, दो फीट चौड़ा, और दो फीट ऊंचा होगा। प्लेटफॉर्म में भी पत्थरों का इस्तेमाल होगा। जिस खान से यह पत्थर आने हैं उसका भी चयन हो गया है।
राममंदिर निर्माण के लिए आगामी 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले जनसंपर्क अभियान को लेकर अयोध्या में भी संत सम्मेलन का आयोजन विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम में हुआ। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया कि अयोध्या में सबके आराध्य भगवान राम का घर बन रहा है। उनके घर के निर्माण के लिए हम दान नहीं बल्कि ऐच्छिक समर्पण मांग रहे हैं। यह धन संग्रह नहीं बल्कि निधि संग्रह अभियान होगा। जिसके तहत देश की आधी आबादी से जनसंपर्क किया जाएगा। उन्होंने बैठक में शामिल संतों को राममंदिर निर्माण की प्रगति से भी अवगत कराया।
चंपत राय ने बताया कि इस अभियान को लेकर देश के 40 शहरों में बैठकें होंगी। भगवान का घर तोड़ा गया था वह अब फिर से बन रहा है, समाज स्वेच्छा से समर्पण करें। उन्होंने कहा कि हमारे पास चार रास्ते हैं। पहला रास्ता हम बडे़-बड़े उद्योगपतियों टाटा, बिरला, अंबानी के पास जाएं, दूसरा दुनिया के लोगों से दौलत मंगवाए, तीसरा बड़ी-बड़ी कंपनियों का सहयोग लें और चौथा मार्ग जनता के पास जाएं। अभी हमने चौथा मार्ग चुना है। इसके बाद यदि कुछ बचता है तो अन्य मार्ग भी अपनाएंगे। टाटा, बिरला, अंबानी भी जनता का एक हिस्सा हैं। उन्होंने बैठक में शामिल संतों से इस अभियान में सहभागिता निभाने की अपील की।
चंपत राय ने कहा कि 36 साल से करीब 15 हजार संत राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। इसलिए संत समाज भी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर निकले। अपने क्षेत्र का चयन कर लीजिए और अभियान का हिस्सा बनिए। प्रत्येक कार्यकर्ता की दृष्टि लगे यह इच्छाशक्ति है। प्रांत, ब्लाक, गांव व मोहल्ले वार टोलियां बनाई जा रही हैं।
देश के 80 अखबारों में विज्ञापन भी जारी किया गया है। नागालैंड, त्रिपुरा, कच्छ में भी विज्ञापन जारी किया गया है। मकर संक्रांति के दिन अपने-अपने शहर के बड़े-बडे लोगों जैसे की मुख्यमंत्री, राज्यपाल आदि से संपर्क करने को कहा गया है।
मोदी ने कहा, कितना धन लगेगा ये सोचने की जरूरत नहीं
चंपत राय ने बताया कि बीस फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाया था। मंदिर निर्माण पर कितना खर्च आएगा इस पर मोदी जी का स्पष्ट कहना है कि कितना लगेगा इसको सोचने की जरूरत ही नहीं है। बैठक का संचालन विहिप के उमाशंकर मिश्र ने किया।
बैठक में ज.गु. डॉ. राघवाचार्य, महंत रामदास, संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, महंत सिया किशोरी शरण, ट्रस्टी महंत दिनेंद्र दास, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, महंत शशिकांत दास, गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, महंत पवन दास शास्त्री सहित अन्य संत-धर्माचार्य मौजूद रहे।