आप सभी जानते ही हैं कि धर्म ग्रंथों में भाद्रमास का बहुत महत्व बताया गया है और शास्त्रों में इस महीने को कल्याणकारी माना जाता है. कहा जाता है इस महीने में नियमों का पालन अवश्य किया जाना चाहिए और अगर आपने कुछ गलतियां की है तो उनका प्रायश्चित इस महीने में किया जा सकता है. वहीं भाद्र, भद्र से बना है जिसका अर्थ है अच्छा व सभ्य.
कहते हैं जो भी नियम से इस माह स्नान ,दान व व्रत करता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है इसी के साथ शरीर व मन की शुद्धि के लिए इस मास पीले व केसरिया वस्त्रों को धारण करना चाहिए. आप सभी को बता दें कि इस महीने में हल षष्ठी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, हरितालिका तीज व अनंत चतुर्थी का व्रत पड़ने वाला है और इस महीने में ईश्वर की कृपा पाने के लिए सदैव करें इन नियमों का पालन करना होगा. आइए जानते हैं नियम.
नियम – कहते हैं इस महीने में दही नहीं खानी चाहिए लेकिन दही से पूरे मास भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने से मनोकामना पूरी होती हैं. इसी के साथ जिन लोगों को संतान सुख नहीं है, उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण का जन्म कराना चाहिए या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए. इसी के साथ इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ करना चाहिए और इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना करने से भी लाभ होता है.
* कहते हैं विद्या, बुद्धि और ज्ञान के लिए इस महीने में श्री गणेश की उपासना करनी चाहिए और पीले रंग के भगवान् गणेश की स्थापना करें. इसी के साथ इस महीने हर दिन उनको दूर्वा और मोदक का भोग लगायें और पूरे माह ब्रह्मचर्य का पालन करने से बाधा दूर हो जाती है.
* इस पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना चाहिए और इस माह आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करना चाहिए. इसी के साथ इस महीने पलंग पर नहीं सोना चाहिए बल्कि जमीन पर चटाई बिछाकर सोना लाभदायक होता है. इस महीने झूठ नहीं बोलना चाहिए और साथ ही तेल से बनी चीजों का सेवन न करें.
* इस महीने संतान सुख की प्राप्ति के लिए कान्हा के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए और इसी के साथ वत्स द्वादशी पर गाय-बछड़े का पूजन करना चाहिए.