वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्तर पर हैं और इस बात पर जोर दिया कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) देश में अब तक के सबसे उच्च स्तर पर हैं।
सीतारमण ने चेन्नई में ‘जन जन का बजट’ नामक एक कार्यक्रम में उद्योग व्यापारियों के साथ बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अपने मजबूत स्तर पर है और मैक्रोइकॉनॉमिक्स अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर है। मूल आधार मजबूत हैं। साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार और एफडीआई निवेश अपने अधिकतम स्तर पर हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि बैंकिंग अधिकारियों की सहभागिता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक योजना भी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के अधिकारियों को क्षेत्र स्तर पर एमएसएमई उद्यमियों तक पहुंचने के लिए इस योजना को लाया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने ऋणों को मंजूरी देने के मुद्दे के बारे में बात करते हुए कहा कि यदि बैंक एमएसएमई को बिना किसी कारण के ऋण से वंचित कर रहे हैं, तो वे अपनी शिकायतें एक विशेष केंद्र को मेल द्वारा भेजें जिसकी जल्द ही घोषणा की जानी है। साथ ही उसकी एक प्रति बैंक मैनेजर को भी भेजा जाना चाहिए।
सीतारमण ने विश्वास जताया कि भारत आठ फीसदी की वृद्धि पर वापस पहुंच जाएगा, और कहा कि सरकार द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय रूप से साल 2019 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक कठिन वर्ष था, जिसमें विश्व उत्पादन वृद्धि 2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद पहली बार 2.9 फीसदी की धीमी गति से बढ़ने का अनुमान लगाया गया। बता दें कि साल 2017 में वैश्विक वृद्धि दर 3.8 थी जो 2018 में घटकर 3.6 फीसदी पर आ गई।
हालांकि अभी भी चीन-अमेरिका और ईरान -अमेरिका के बीच हो रहे तनाव के चलते विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है, जिसका खामियाजा भारत को भी उठाना पड़ सकता है। वैश्विक विनिर्माण, व्यापार और मांग के लिए कमजोर माहौल के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी विकास दर धीमी होकर 2019-20 की पहली छमाही में 4.8 फीसदी पर पहुंच गई, जो 2018-19 की दूसरी छमाही में 6.2 फीसदी पर थी।