गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विवादास्पद बयान देते हुए रईस लोगों को सड़े हुए आलू की बोरी करार दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग एक हजार रुपये अपनी बेटी की सगाई पर खर्च करते हैं, वह किसी यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये दान नहीं दे सकते। मेरे हाथ में कभी शक्तियां आई तो शिक्षा के लिए ऐसे लोगों का सारा माल छीन लूंगा।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्यातिथि के तौर पर आए गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश में पिछले 70 साल में शिक्षा को कभी तवज्जो नहीं दी गई। देश में शिक्षा के लिए कभी भी 6 प्रतिशत से अधिक बजट नहीं दिया गया। शिक्षा के सवाल को फांसी दी गई। छह प्रतिशत बजट से नोबल पुरस्कार कैसे आएंगे। अमेरिका के पास 150 नोबल पुरस्कार हैं। हमारे पास छह नोबल हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे राजा-महाराजों का चरित्र अच्छा नहीं रहा। हमें अंग्रेजों ने कभी नहीं हराया। अंग्रेजों ने हमारे लोगों से ही हमारे लोगों को हरवाया। पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी मजबूत आदमी हैं।
राज्यपाल मलिक ने कहा कि अमेरिका में अमीर लोग शिक्षा पर धन खर्च करते हैं। गरीबों को पढ़ाने के लिए पैसा देते हैं। हमारे देश के रईस ऑन रिकार्ड तीन सौ करोड़ तथा ऑफ रिकार्ड एक हजार करोड़ रुपये सगाई पर खर्च करते हैं।
यह लोग शिक्षा के लिए किसी यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये नहीं देते। मैं ऐसे लोगों को सड़े हुए आलू की बोरी मानता हूं। मेरे हाथ कभी पावर आई तो शिक्षा के लिए ऐसे लोगों का सारा माल छीन लूंगा।
मुंबई में 14 तल्ले का मकान बनाते हैं। जिसमें एक फ्लोर पर गाड़ी, एक फ्लोर पर चॉबी, एक फ्लोर पर कुत्ते, एक फ्लोर पर नौकर रहते हैं। यह कितनी अश्लीलता है।
जब इनके यहां सगाई होती हैं तो दिल्ली के सारे नेतागण लाइन लगाकर बधाई देते हैं। राज्यपाल मलिक ने कहा कि जिसके पास चरित्र व नैतिकता होगी, वह बड़े से बड़े व्यक्ति का कॉलर पकड़ सकता है। समाज अच्छे अफसरों को भी भ्रष्टाचार की गर्त में धकेल देता है।
राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की बदतर हालत के लिए वहां के राजनेताओं, अधिकारियों को जिम्मेदार बताया। उनके मुताबिक, ऐसे नेताओं के कारण ही यहां अत्याधिक भ्रष्टाचार रहा।
जम्मू- कश्मीर में खच्चर चलाने वाले बच्चों के शरीर पर स्वेटर तक नहीं थे। कश्मीर के नेता फारूख अब्दुला के पिता एक टीचर थे। अब उनका श्रीनगर, रामपुर, दिल्ली, दुबई, लंदन, फ्रांस में घर है। नौकरियों में नेता अपने लोगों को लगाते हैं।
काबलियत के बावजूद 582 लड़के -लड़की सड़क पर थे। मैंने बोर्ड में बदलाव कराकर इन युवाओं को नौकरी दिलाने का काम किया तो दिल को सुकून मिला।
वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन था। जम्मू-कश्मीर में काफी धांधली तथा अन्याय था। वहां के नेताओं तथा अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण विकास नहीं हो सका। दिल्ली से हवाई जहाज भर भर जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए का नोट गए थे।