भारत में पाकिस्तान के दुश्मनो के बड़े हमले से पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय हुआ सक्रिय

देश में टिड्डियों के खतरे को लेकर के केंद्रीय गृह मंत्रालय सक्रिय हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टिड्डियों के खतरे को लेकर पिछले शुक्रवार को गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की थी.

इस बैठक में एनडीएमए के अधिकारियों के साथ-साथ एनडीआरएफ के अधिकारी, एयर फोर्स, कृषि मंत्रालय और कुछ राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे. सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है, कि इस साल जून 2020 में टिड्डियों के बड़े हमले का अलर्ट गुजरात और राजस्थान में आया है.

जानकारी के मुताबिक यह टिड्डी दल पाकिस्तान, ओमान और दक्षिणी इरान के इलाके से भारत में प्रवेश कर सकता है. हालांकि इसका असर विश्व के दूसरे देशों में भी पढ़ने वाला है.

इसके लिए कई देशों ने बड़ी मीटिंग भी की हैं. गृह मंत्रालय की इस बैठक का खास मुद्दा था की डेजर्ट के इलाके में जब भी टिड्डी दल का हमला होगा. तब किस तरीके से एयरफोर्स उनके ऊपर पेस्टिसाइड का स्प्रे करके उनको भगाने का काम करेगा. इस मीटिंग में एयरफोर्स से हेलीकॉप्टरों की उपलब्धता और उनके कामों की भी समीक्षा की गई.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ के कृषि एवं खाद्य संगठन (एफएओ) के अभिन्न अंग मरुस्थलीय टिड्डी कंट्रोल कमेटी की 10 से 14 दिसंबर तक इथोपिया में बैठक हुई. इस बैठक में भारत, पाक, अफगानिस्तान, ईरान, सऊदी अबर, इटली सहित 20 देशों के 20 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस बैठक में यह चर्चा की गई कि आखिर टिड्डियों का प्रकोप इतना क्यों बढ़ रहा है. इसके पीछे जो लॉजिक दिया गया, उसमें कहा गया है कि 26 साल बाद टिड्डी की संख्या बढ़ने की वजह यमन में अच्छी बरसात को माना जा रहा है.

गृह मंत्रालय की आपदा प्रबंधन विंग की रिपोर्ट के मुताबिक टिड्डी दल अदन की खाड़ी और लाल सागर के आसपास स्थित देशों से होते हुए भारत में फिर से हमला करेंगे. इथोपिया और इरिट्रिया में इस समय भी बहुत बड़े टिड्डी दल मौजूद हैं.

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