भारत ने चीन से निर्यात नियंत्रण संबंधी लंबित मुद्दों को जल्द हल करने का आह्वान किया है। विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव सुजीत घोष की चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइडोंग और चीन के विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग के बीच गुरुवार को हुई बातचीत में भारत ने यह आग्रह किया। सुजीत घोष दो दिन की यात्रा पर चीन गए थे।
लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता’
विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी कर कहा कि भारतीय पक्ष ने बातचीत में निर्यात नियंत्रण से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर चीन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर चिंतित है।
चर्चाएं रचनात्मक और भविष्योन्मुखी रहीं- एमईए
विदेश मंत्रालय ने कहा- चर्चाएं रचनात्मक और भविष्योन्मुखी रहीं। दोनों पक्षों ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रणनीतिक मार्गदर्शन के महत्व को स्वीकार करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्जीवित करने में हुई प्रगति का सकारात्मक आकलन किया। इसमें जन-केंद्रित गतिविधियों को प्राथमिकता दी गई।
विकास को मजबूती देंगे- संयुक्त सचिव
सुजीत घोष ने इस बारे में कहा कि भारत-चीन संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और भारत दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में चीन के साथ मिलकर संस्थागत संवाद को फिर से शुरू करने, आदान-प्रदान और सहयोग को मजबूत करने और भारत-चीन संबंधों के विकास की गति को मजबूती देने के लिए तत्पर है।
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