देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors (टाटा मोटर्स) ने घरेलू कार बाजार में 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लक्ष्य से एक नई योजना बनाई है। Tata Motors की योजना है कि वह अपनी पहुंच का दायरा बढ़ाने के लिए छोटे शहरों में नए डीलर बनाएगी। लेकिन इसमें नई बात यह है कि टाटा मोटर्स तेल विक्रेताओं के साथ पार्टनरशिप पर जोर दे रही है। Tata Motors छोटे शहर में पेट्रोल पंपों के जरिए कार बेचेगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक Tata Motors के हेड ऑफ मार्केटिंग (पैसेंजर कार) विवेक श्रीवास्तव के कहा कि इस नए प्रयोग को अंदरूनी तौर पर इमर्जिंग मार्केट आउटलेट का नाम दिया जा सकता है। पेट्रोल पंपों पर मौजूद इन शोरूम पर छोटी कारों का डिस्पले होगा, जिनका संख्या भी पेट्रोल पंप के आकार के आधार पर एक या दो होगी।
श्रीवास्तव के बताया कि शहर के हिसाब से लोकप्रिय कारों को इन शोरूम पर प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि Tata की Tiago (टियागो) कार का ग्राहक केवल टियागो ही देखना पसंद करेगा। 5 अन्य कारों को देखने में उसकी दिलचस्पी नहीं होगी। और इसके लिए उसे बड़े शोरूम की भी जरूरत नहीं। श्रीवास्तव का कहना है कि छोटे शहरों में बड़े शोरूम का निर्माण बड़े ही हिचकिचाहट का काम है।
श्रीवास्तव ने कहा कि टाटा मोटर्स अपनी इस योजना के तहत अब तक 400 शोरूम बना चुकी है। अब कंपनी का लक्ष्य हर वर्ष ऐसे 100 शोरूम बनाना है। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े शहरों में कार शोरूम बनाने में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत आती है। छोटे शहरों में पेट्रोल पंपों पर शोरूम बनाने में खर्च कम होगा और डीलरों को कम निवेश करना पड़ेगा।
अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी छोटे डीलरशिप खोलने का एलान किया है। हालांकि, फिलहाल किसी भी ऑटो कंपनी ने किसी समझौते की घोषणा नहीं की है।