भारत के सबसे शांत और कम बजट वाले 8 पर्यटन स्थल, मोह लेगी आपका मन

आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो गया है। ऐसे में लोग मन की शांति और थकान दूर करने के लिए उन जगहों की तलाश में रहते है जो शांत होने के साथ खूबसूरत हो, साथ ही बजट भी कम हो। भारत में कई ऐसी जगह है जहां बहुत कम टूरिस्ट पहुंचते है। यदि आप भी ऐसी ही जगह तलाश में है तो सच मानिए आपकी तलाश अब खत्म हो गई है। आज हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं जिसके प्राकृतिक सौंदर्य को बहुत कम टूरिस्ट ने करीब से देखा है।

असगाओ, गोवा

अगर भीड़ और शोरगुल से दूर कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं तो साउथ गोवा की ये जगह आपके लिए बिल्कुल सही जगह है। नॉर्थ गोवा के टूरिस्ट जोन से थोड़ा आगे असगाओ गांव को बहुत कम टूरिस्ट ने एक्सप्लोर किया है। अपनी खूबसूरती और ईको-स्टे ऑप्शन के साथ असागाओ एक बेहतरीन ऑफबीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

नागपट्टिनम और पिचावरम, तमिलनाडु

तमिलनाडु के समुद्री तटों का अनुभव अक्सर चेन्नई, पॉन्डीचेरी और कन्याकुमारी के तटों तक ही सीमित रहा है। हालांकि, शांत वातावरण और तटीय इलाकों को पसंद करने वाले लोग नागापट्टीनम और पिचावरम जैसी जगहों पर भी जा सकते हैं। नागपट्टिनम (Nagapattinam) तमिल नाडु राज्य के नागपट्टिनम ज़िले में स्थित एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। नागपट्टिनम बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा हुआ है। पिचावरम चिदम्‍बरम से लगभग 14 किमी। की दूरी पर स्थित है।
यहां एक झील स्थित है जिसके पानी में कई छोटे – छोटे द्वीप है जिन पर हजारों प्रजातियों के पक्षी रहते है, यह सभी पक्षी स्‍थानीय और प्रवासी होते है। यहां पानी में पाएं जाने वाले पक्षी भी पाएं जाते है जैसे – वॉटरस्निप्‍स, हेरोन्‍स, पेलीकेन्‍स, कॉरमोरैंटस और इरेगेट्स अन्‍य। इस झील में नौका विहार भी सुविधा भी है। सितम्‍बर से जनवरी माह के दौरान इस जंगल में सैर के लिए अवश्‍य आएं। यह काफी आकर्षक स्‍थल है।

करवार, गोवा

गोवा और कर्नाटक के साउथ बॉर्डर को पार करने के बाद कारवार अनूठी संस्कृति का केंद्र है। करवार बीच, रवींद्रनाथ टैगोर बीच, काली नदी के खूबसूरत किनारे और नाव की सैर इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाती है। ये जगह हमेशा टूरिस्ट की भीड़ से दूर रहती है। करवार का सी-फूड भी प्रसिद्ध है। निकटवर्ती स्थानों में मगोड फॉल्स, होनवर, शिवगंगा फॉल्स, लालगुली फॉल्स, लशिंग्टन फॉल्स आदि देख सकते हैं।

धौलावीरा, गुजरात

भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले की भचाऊ तालुका में स्थित है धौलावीरा। इसका नाम यहाँ से एक किमी दक्षिण में स्थित ग्राम पर पड़ा है, जो राधनपुर से 165 किमी दूर स्थित है। धोलावीरा में सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष और खण्डहर मिलते हैं। धौलावीरा का ‘हड़प्पा स्थल’ रण ऑफ कच्छ झील के ठीक बीच में स्थित है। ये जगह सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे पुरानी जगहों में से एक है। बीते कुछ वर्षों में यह जगह लोगों को ज्यादा रास आने लगी है।

हेमिस, जम्मू-कश्मीर

हेमिस राष्ट्रीय उद्यान या (हेमिस हाई आल्टीटयूड राष्ट्रीय उद्यान) भारत के लद्दाख़ केन्द्र शासित प्रदेश के पूर्वी भाग में काफ़ी ऊंचाई में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत में हिमालय के उत्तर में एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है। यहां के घने जंगलों में ही आपको हिम तेंदुए देखने को मिलेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और वाहन चलाने के लिए सड़कें ना होने की वजह से यहां बहुत कम लोगों का ही आना-जाना होता है। स्नो लियोपार्ड के अलावा आप यहां तिब्बती भेड़िया, यूरेशनिय ब्राउन भालू और लाल लोमड़ी देख सकते हैं। उद्यान के उत्तर में सिंधु नदी बहती है और दक्षिण में ज़ांस्कर शृंखला है और इसके अंतर्गत मरखा, सुमदाह और रुम्बक के जलग्रह आते हैं।

परुले, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में मुंबई और गोवा के बीच स्थित ये जगह एक विचित्र तटीय शहर है जो हाल के वर्षों में एक पॉपुलर ऑफबीट डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। यहां माचली नाम की जगह बहुत फेमस है जो टूरिस्ट को नेचर फ्रेंडली एक्सपीरिएंस देती है। यहां तारकरली नाम की जगह पर स्कूबा डाइविंग समेत कोई वॉटर एक्टिविटी का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके अलावा, लोगों की नजरों से छिपी प्रिस्तीन भोगवे बीच भी यहां देखने जा सकते हैं।

मकोकचुंग, नगालैंड

मोकोकचुंग (Mokokchung) भारत के नगालैंड राज्य के मोकोकचुंग ज़िले में स्थित एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह आओ समुदाय का ऐतिहासिक व सांस्कृतिक केन्द्र है। यहां के निवासी क्रिसमस और नए साल पर भव्य समारोह का आयोजन करते हैं। इनके अलावा यहां पर आपसी भाई-चारे और सौहार्द के प्रतीक मोआत्सु उत्सव का आयोजन भी किया जाता है। उत्सवों के अलावा यहां पर खूबसूरत घाटियों, पर्वत श्रृंखलाओं, दर्रो और नदियों के मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं। 1,325 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मकोकचुंग में पूरे वर्ष मौसम अच्छा रहता है। अपनी इसी खासियत के कारण ये जगह बारहों मास घूमने का मौका देती है।

ऋषिकुल्या बीच, ओडिशा

ओडिशा की चिल्का झील पर बना रुशिकुल्या तट के बारे में भी बहुत कम लोग जानते है। ये जगह ओडिशा के गंजम जिले में स्थित है। टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से यहां बहुत कम लोग आते-जाते हैं। मार्च से अप्रैल के बीच यह तट छोटे-छोटे कछुओं से भरा रहता है।

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