पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प मुद्दे पर गुरुवार को भी दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. सूत्रों ने यह जानकारी दीं. सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन के मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच आज बातचीत खत्म हो गई लेकिन इसमें दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके.इससे पहले, बुधवार को दोनों देशों के बीच पहले दौर की बातचीत भी बिना नतीजे के समाप्त हो गई थी.यह बातचीत उसी क्षेत्र में हो रही है जहां सोमवार रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में एक कर्नल सहित 20 सैनिकों ने भारत के लिए जान गंवाई थी.खबरों के अनुसार, चीन के भी करीब 45 सैनिकों की इस बातचीत में मौत हुई है.सूत्रों ने कहा कि फिलहाल, इस क्षेत्र से चीनी सैनिकों के बाहर होने के कोई संकेत नहीं हैं. यह क्षेत्र पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब है.
हिंसक झड़प के मुद्दे पर बुधवार को भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बात हुई थी. इस बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि ‘चीनी सैनिकों ने पूर्व नियोजित और योजना के मुताबिक कार्रवाई की जो सीधे तौर पर लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प का कारण बनी.’
विदेश मंत्री ने दोटूक अंदाज में कहा कि ‘इस घटना’ से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा और चीन को अपनी कार्रवाई का पुनर्मूल्यांकन करने और सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है. दोनों नेताओं ने तनाव को काम करने पर सहमति जताई और कहा “कोई भी पक्ष मामले को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा और इसके बजाय, द्विपक्षीय करारों और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति सुनिश्चित करेगा.”