भारत और दस देशों के संगठन आसियान ने शनिवार को अपनी रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की और इसको बढ़ावा देने के लिए पांच साल की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया। समीक्षा के दौरान समुद्री व्यापार, आवागमन और सुरक्षा मामलों में सहयोग पर खासतौर पर चर्चा हुई।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हुई भारत-आसियान बैठक में कोविड महामारी से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर और थाइलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुद्विनाई ने संयुक्त रूप से की। बैठक में बाकी नौ आसियान सदस्य देशों के विदेश मंत्री भी शामिल हुए।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की इस एसोसिएशन के दस सदस्य देश अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया के निकट सहयोगी हैं। आसियान में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रूनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं। आसियान देशों की कुल आबादी 185 करोड़ है जबकि इनकी जीडीपी तीन लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा की है।
शनिवार को हुई बैठक का महत्व इसलिए भी ज्यादा था, क्योंकि चीन दक्षिण चीन सागर पर कब्जा कर वहां अपनी आक्रामकता दिखा रहा है। साथ ही लद्दाख में घुसपैठ कर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर रहा है। दक्षिण चीन सागर पर आसियान देशों का भी अधिकार है लेकिन इसे नहीं मान रहा।
बैठक में 2016-2020 के बीच भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों के विकास की समीक्षा की गई और इसे अगले पांच साल के लिए और बढ़ाने का फैसला किया गया। अगले पांच साल में व्यापार, निवेश बढ़ाने के साथ ही लोगों की आवाजाही भी बढ़ाई जाएगी जिससे आपस में बेहतर संबंध स्थापित हों।