भारत आर्थिक सुधारों के लिए कई बहुत महत्वपूर्ण कदम उठा रहा इसके परिणाम दीर्घकालिक होंगे: IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती की दौर से गुजर रही है. साल 2019 पर बड़े आर्थिक सुधारों जैसे जीएसटी और इससे कुछ साल पहले नोटबंदी का असर देखने को मिला. अर्थव्यवस्था में आज जो कुछ भी दिख रहा है उसे आर्थिक मंदी नहीं कहा जा सकता.

आईएमएफ ने आगे कहा कि भारत आर्थिक सुधारों के लिए कई बहुत महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, लेकिन इसके परिणाम दीर्घकालिक होंगे. हालांकि मोदी सरकार कुछ ऐसे कदम भी उठा रही है जिसका तात्कालिक रिजल्ट मिले.

भारतीय अर्थव्यवस्था ने वास्तव में 2019 में अचानक मंदी का अनुभव किया है. हमें अपने विकास अनुमानों को संशोधित करना पड़ा, जो पिछले वर्ष के लिए चार प्रतिशत से नीचे था. जॉर्जीवा ने शुक्रवार को यहां विदेशी पत्रकारों के एक समूह को बताया कि हम 2020 में 5.8 प्रतिशत (विकास दर) और फिर 2021 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट आज पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगी. संसद भवन में सुबह 10.15 बजे केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें बजट को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी.

संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के सुधरकर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. हालांकि, इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि वृद्धि दर को एक दशक के निचले स्तर से उबारने के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में ढील दी जा सकती है.

बजट से पहले शेयर बाजार में गिरावट आ गई है. टैक्स को लेकर राहत के मोर्चे पर कुछ बड़े एलान न होने की आशंका से शेयर बाजार में सुस्ती देखी जा रही है.

इस समय बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 47.39 अंक यानी 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 40,676.10 पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 9.95 अंक यानी 0.08 फीसदी की कमजोरी के साथ 11,952.15 पर कारोबार कर रहा है.

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