New Delhi: देश में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाने और एक वैकल्पिक ईंधन की खोज में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हासिल हुई है. वैज्ञानिकों ने एक खास किस्म का कृत्रिम पत्ता विकसित किया है. यह कृत्रिम पत्ता सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर (सोंख कर) पानी की मदद से हाइड्रोजन ईंधन पैदा करता है. वैज्ञानिकों की इस प्रगति से भविष्य में कारों के लिए पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.अभी-अभी: सीएम योगी सहित पांच नेताओं ने दाखिल किया नामांकन, चारो तरफ गूंजे जय श्रीराम के नारे
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया यह खास उपकरण बहुत ही पतला और बिना किसी तरह के तार के काम करता है. देखने में एकदम पौधे के पत्ते की तरह लगने वाला यह उपकरण ऊर्जा पैदा करने के लिए पानी और सूर्य के प्रकाश का इस्तेमाल करता है.
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर ) के पुणे स्थित राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में कार्यरत वरिष्ठ मुख्य वैज्ञानिक सी एस गोपीनाथ ने कहा, “यह ज्ञात तथ्य है कि नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा उत्पादन हमारी ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी समस्याओं का अंतिम समाधान है.” गोपीनाथ ने इस दौरान यह भी बताया कि उनकी टीम एक दशक से हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए जल विघटन के क्षेत्र में काम कर रही है.
उन्होंने कहा, “हाइड्रोजन को जलाने पर ऊर्जा के साथ सह-उत्पाद के तौर पर जल मिलता है, जो इसके महत्व और मौजूदा दुनिया में इसकी प्रासंगकिता को रेखांकित करता है.” उन्होंने कहा कि भारत में तीखी धूप होती है लेकिन उसको ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं.