भारतीय वायुसेना सीमा पर चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने को तैयार है। चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप के जल्द भारत पहुंचने की उम्मीद है। वायुसेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि नवंबर के पहले हफ्ते में तीन से चार राफेल लड़ाकू के विमान हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर पहुंच जाएंगे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि फ्रांस से तीन से चार राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप नवंबर के पहले हफ्ते में भारत पहुंच जाएगी। दूसरी खेप को जल्द भारत लाने की तैयारी चल रही है। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों का एक दल राफेल परियोजना की समीक्षा करने के लिए फ्रांस पहुंच गया है।
सूत्रों ने कहा कि इन विमानों के शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना के पास 8-9 राफेल विमान हो जाएंगे। सीमा पर तनाव की स्थितियों को देखते हुए दूसरी खेप में आ रहे राफेल विमानों को भी जल्द तैनात किया जाएगा।वायुसेना के सहायक प्रमुख (परियोजना) एयर वाइस मार्शल एन तिवारी के नेतृत्व में फ्रांस में हुई नियमित वार्षिक बैठक में परियोजना की समीक्षा की समीक्षा की गई।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 5 अक्तूबर को कहा था कि सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान वर्ष 2023 तक भारत आ जाएंगे। फ्रांस ने 10 राफेल लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए हैं, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं। इनमें भारतीय वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय पायलटों का मार्च, 2021 तक प्रशिक्षण पूरा होने की संभावना है।
बता दें कि फ्रांस ने भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप सौंप दी। पांच राफेल विमानों 29 जुलाई को भारत पहुंच चुके हैं, जिन्हें 10 सितंबर को एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
इन विमानों को पश्चिम बंगाल में स्थित कलईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया जाएगा, जो चीन से लगती पूर्वी सीमा की रखवाली करेंगे। भारत सरकार ने वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए चार साल पहले 36 राफेल विमान खरीने के लिए फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।