कुछ दिनों बाद, पांच सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाएंगें। हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। साथियो और विशेषकर मेरे शिक्षक साथियो, वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा।
देश आज जिस विकास यात्रा पर चल रहा है इसकी सफलता सुखद तभी होगी जब हर एक देशवासी इसमें शामिल होगा, इस यात्रा का यात्री हो, इस पथ का पथिक हो, इसलिए, ये जरूरी है कि हर देशवासी स्वस्थ रहे सुखी रहे और हम मिलकर के कोरोना को पूरी तरह से हराएं।
डॉग्स की आपदा प्रबंधन और रेस्क्यू मिशन में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं। भारत में तो एनडीआरएफ ने ऐसे दर्जनों डॉग्स को स्पेशली ट्रेन किया है। कहीं भूकंप आने पर, ईमारत गिरने पर, मलबे में दबे जीवित लोगों को खोज निकालने में ये बहुत एक्सपर्ट होते हैं।
साथियो, मुझे यह भी बताया गया कि भारतीय नस्ल के डॉग्स भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं। पिछले कुछ समय में आर्मी, सीआईएसएफ, एनएसजी ने मुधोल हाउंड डॉग्स को ट्रेन्ड करके डॉग स्कवॉड में शामिल किया है, सीआरपीएफ ने कोंबाई डॉग्स को शामिल किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च भी भारतीय नस्ल के डॉग्स पर रिसर्च कर रही है।
बीते दिनों, जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे, तब एक दिलचस्प खबर पर मेरा ध्यान गया। ये खबर है हमारे सुरक्षाबलों के दो जांबाज किरदारों की। एक है सोफी और दूसरी विदा। कुछ समय पहले मुझे देश की सुरक्षा में डॉग्स की भूमिका के बारे में बहुत विस्तार से जानने को मिला।
कई किस्से भी सुने। कुछ दिन पहले ही आपने शायद टीवी पर एक बड़ा भावुक करने वाला दृश्य देखा होगा, जिसमें, बीड पुलिस अपने साथी डॉग रॉकी को पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दे रही थी। रॉकी ने 300 से ज्यादा केसों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी।
न्यूट्रिशन के इस आंदोलन में पीपुल पार्टिसिपेशन भी बहुत जरूरी है। जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है। अगर आपको गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाने का अवसर मिला होगा या कोविड के बाद आपको जाने का अवसर मिलेगा, तो, वहां एक यूनिक प्रकार का न्यूट्रिशन पार्क बनाया गया है। खेल-खेल में ही न्यूट्रिशन की शिक्षा वहां जरुर देख सकते हैं। साथियो, भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है।
भारतीयों के इनोवेशन और सॉल्यूशन देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। इस महीने की शुरुआत में देश के युवाओं के सामने, एक एक इनोवेशन चैलेंज रखा गया। हो सकता है आप भी ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हो जाएं। इनमें एक एप है, कुटुकी किड्स लर्निंग एप्लिकेशन ये बच्चों के लिए ऐसा इंटरेक्टिव एप है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बच्चे गणित, विज्ञान में बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसमें एक्टिविटिज भी हैं, खेल भी।