भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने आरक्षण के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। ‘नमो बुद्धाय जन सेवा समिति’ के तत्वावधान में रविवार को राजधानी के कांशीराम स्मृति उपवन में आयोजित रैली में सावित्री बाई फुले ने कहा ‘मैं सांसद रहूं या न रहूं, लेकिन आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होने दूंगी। यह मुझे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।’
आरक्षण को बाबा साहब और संविधान की देन बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधित्व का मामला है। इसे भीख कहना संविधान का अपमान है। बताते चलें कि सावित्री बाई फुले बहराइच से सांसद हैं। वह पहले भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर आरक्षण को लेकर कई गंभीर आरोप लगा चुकी हैं।
अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह रैली भाजपा सरकार और संगठन के खिलाफ नहीं है। उनका मुद्दा सिर्फ आरक्षण है। केंद्र सरकार की नीतियों के चलते पिछड़ा और दलित समाज खतरे में है। इस दौरान उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का मुद्दा भी उठाया
माना जा रहा है कि सावित्री बाई फुले केंद्र सरकार या संगठन में महत्व चाहती हैं। काफी इंतजार के बाद भी ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने आरक्षण को मुद्दा उठाकर अप्रत्यक्ष तरीके से सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।