भाजपा विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल के हस्‍तक्षेप के बाद प्रशासन आया बैकफुट पर

नगर विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने महानगर के नागरिकों, सामाजिक एवं जातीय संगठनों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आश्वस्त किया है कि मोहद्दीपुर स्थित राजकीय उद्यान का नाम स्ववर्गीय विन्द्यवासिनी पार्क से बदल कर किसी और महान व्यक्ति के नाम पर करने पर कतई कोई भी विचार नहीं हो रहा है। शासन में ऐसी कोई पत्रावली नहीं चल रही है।

आक्रोशित था पूरा शहर

नगर विधायक ने कहा कि कतिपय अनाधिकृत स्रोतों से यह अफवाह फैला दी गई थी कि स्वर्गीय विन्द्यवासिनी पार्क का नाम बदला जा रहा है। इसके बाद स्वाभाविक रूप से विभिन्न वर्गों में इसे लेकर दुःख, असंतोष और गंभीर आपत्तियां थी। विधायक ने कहा कि स्‍वर्गीय विन्द्यवासिनी वर्मा के पौत्र प्रदीप रंजन वर्मा तथा प्रपौत्र एडवोकेट अमित विक्रमा वर्मा ने मुझसे मुलाकात कर स्वर्गीय विन्द्यवासिनी वर्मा के आजादी की लडाई में योगदान के बारे में बताया था।

सीएम के संज्ञान में नहीं था यह मामला

नगर विधायक ने कहा कि उन्होंने उसी समय मुख्यमंत्री के संज्ञान में सारी चीजें ला दी थीं। मुख्यमंत्री को इस विषय पर कोई जानकारी नही दी गई थी। जो कुछ अनावश्यक रूप से चर्चा इसलिए हुई क्योंकि राजकीय उद्यान निदेशालय सही तथ्यात्मक जानकारी नहीं प्राप्त कर सका। नगर विधायक ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे पूरी जिम्मेदारी लेते हुए यह बयान दे रहे हैं, इसलिए इसे सम्पूर्ण विवाद का पटाक्षेप समझें।

यह है मामला

उद्यान विभाग द्वारा शहर के विन्द्यवासिनी पार्क (व्ही  पार्क) का नाम बदल कर गोपाल पोद्दार के नाम से कर दिया गया था। लखनऊ के अखबारों में इस प्रकार की खबरें भी प्रकाशित हुई थीं। मामला तब संज्ञान में आया जब इस पार्क का बोर्ड बदला जाने लगा। बोर्ड बदले जाने की सूचना में शहर के सामाजिक व जातीय संगठनों के लोग पहुंचे और इसका विरोध किया। विरोध में बाद बोर्ड बदलने का कार्य रोक दिया गया। इसके बाद शहर में इसे लेकर आंदोलीन शुरू हो गया। कई दिन तक चले आंदोलन के बाद अधिकारी इस विषय को लेकर मौन हो गए।

विधायक के पास पहुंचा मामला

मामला नगर विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल के पास तक पहुंचा तो विधायक ने स्‍थानीय और शासन के उच्‍चाधिकारियों से बात की। उच्‍चाधिकारियों ने पार्क का नाम बदले जाने से अनभिज्ञता जाहिर की। पता चला शासन में इस तरह की कोई फाइल नहीं चल रही है। बताया जा रहा है कि नाम बदले जाने का निर्णय सरकार का नहीं उद्यान विभाग का था। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बिना उच्‍चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाए अपने स्‍तर से नाम बदल दिया था। इसके खिलाफ शहर में हुए आंदोलन और विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल द्वारा मामले को उठाए जाने के बाद उद्यान विभाग के अधिकारी बैकफुट पर आए और अधिकारियों ने पार्क का नाम बदले जाने से इंकार किया।

प्रियंका गांधी ने भी किया था विरोध

पार्क का नाम बदले जाने का विरोध कांग्रेसियों ने भी किया था। प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्‍ट लिखकर पार्क का नाम बदले जाने का विरोध किया था। यूपी कांग्रेस के अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू और महामंत्री विश्‍वविजय सिंह ने भी पार्क का नाम बदले जाने का विरोध किया था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com