विक्रमशिला मीडिया संघ द्वारा शनिवार से कहलगांव (भागलपुर) में विक्रमशिला बौद्ध महाविहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार को लेकर आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस सेमिनार में राज्य व राष्ट्र स्तर के डेढ़ दर्जन से अधिक इतिहासकार, पुरातत्वविद और विद्वान भाग लेंगे. सेमिनार की तैयारियों को अंतिम स्वरूप देने के लिए भरत रूंगटा की अध्यक्षता में संघ के सदस्यों की बैठक में सेमिनार की व्यवस्था, मंच सज्जा, अतिथियों के स्वागत, स्मारिका के प्रकाशन सभी के लिए विभिन्न उपसमितियों का गठन किया गया.
बैठक के बाद संघ के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार चौधरी ने बताया, “राष्ट्रीय सेमिनार में प्रख्यात पुराविद् डॉ. मोहम्मद के.के. सहित बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एन दोरजी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो़ वैद्यनाथ लाभ, भारतीय पुराततव सर्वेक्षण, पटना के पुराविद् ए़ नायक, पुरातत्व विभाग के निदेशक ड़ॉ. अतुल कुमार वर्मा, बिहार के संग्रहालय विभाग के पूर्व निदेशक डॉ़ यू़ सी़ द्विवेदी, बिहार विरासत विकास समिति के उप निदेशक अनन्त आशुतोष द्विवेदी सहित बौद्ध विहारों के विद्वान भाग लेंगे.”
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष डॉ. बिहारी लाल चौधरी ने कहा, “विक्रमशिला की ऐतिहासिक भूमि कहलगांव में इस प्राचीन बौद्ध महाविहार के खोए हुए गौरव की वापसी तथा इसके चतुर्दिक विकास पर सार्थक विमर्श हेतु पहली बार राष्ट्रीय स्तर के वृहद् कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे.”