श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का ऐलान अब नई दिल्ली में होगा। इसके पहले निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों से करार हो सकता है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को रामजन्मभूमि परिसर का तीन घंटे तक निरीक्षण करने के बाद यह संकेत दिए।
उन्होंने ट्रस्टियों को भव्य राममंदिर से लेकर धर्मनगरी को मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के अनुकूल ढांचागत विकास का खाका समझाया। कहा कि अयोध्या की भव्यता ऐसी होगी कि पूरी दुनिया देखेगी।
ट्रस्ट की ओर कहा गया कि दिनभर की बैठकों में तय हुआ कि पहले इंजीनियरों की टीम तकनीकी परीक्षण करेगी, इसकी रिपोर्ट 25 मार्च तक मांगी जाएगी। फिर ट्रस्ट की बैठक तय होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमि पूजन कराने के लिए शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी।
राममंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र व अन्य ट्रस्टियों के साथ रामजन्मभूमि कार्यशाला के निरीक्षण के बाद रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अभी होमवर्क किया जा रहा है।
मौलिक काम शुरू होने से पहले एक-एक कदम रखने पड़ेंगे। तकनीकी टीम की रिपोर्ट के बाद ही राममंदिर निर्माण की तिथि व भूमिपूजन का मुहूर्त तय हो पाएगा।
राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चरणबद्ध ढंग से काम हो रहा है, कौन सा चरण पूरा करने में कितना समय लगेगा इसका एक मौखिक आकलन किया जा रहा है।
बाद में तकनीकी लोग उसका सही कैल्कुलेशन कर तय करेंगे कि मौलिक काम प्रारंभ करने के लिए पूजन कब प्रारंभ करें। अगली बैठक कब होगी इस सवाल पर उनका कहना था कि अभी हम स्टेप्स तय कर रहे हैं।
जब कुछ हमारे पास बताने लायक तैयार हो जाएगा तब बैठक करेंगे। रामनवमी पर भूमि पूजन के सवाल पर कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। रामनवमी पर अयोध्या में 15 से 20 लाख लोग आते हैं। वे भगवान के दर्शन करें, पूजन करें, अपने घर जाएं, यह हमारा पहला कर्तव्य है।