भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि कोविड 19 महामारी के बाद अगर क्रिकेट शुरू किया जाता है तो खिलाड़ियों को लय में लौटने के लिए कम से कम एक महीने की ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी की वजह से खिलाड़ियों की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है। ऐसी स्थिति में हमें घरेलू या इंटरनेशनल मैच खेलने से पहले कम से कम तीन से चार सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी।
रहाणे ने कहा कि वो अपनी बल्लेबाजी को मिस कर रहे हैं, लेकिन क्रिकेट तभी शुरू की जानी चाहिए जब इस बीमारी को खत्म करने का टीका मिल जाए।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वो अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। मैं उस चार्ट को फॉलो कर रहा हूं जो मुझे मेेरे ट्रेनर ने दी है और मेडिटेशन के अलावा कसरत भी कर रहा हूं।
रहाणे ने कहा कि भविष्य में विकेट गिरने पर किसी भी टीम के खिलाड़ी पहले की तरह जश्न मनाने से परहेज करेंगे। उन्होंने कहा कि हम उन पुराने दिनों में जा सकते हैं जब विकेट गिरने के बाद फील्डर अपनी ही जगह पर खड़ा रहेगा और हाथ हिलाकर या ताली बजाकर जश्न मनाएगा। मुझे ऐसा भी लगता है कि हाथ मिलाने की परंपरा की जगह नमस्ते ले लेगा।
हालांकि रहाणे ने कहा कि जब सबकुछ शुूरू हो जाएगा तब आप किसी चीज की गारंटी नहीं ले सकते। मैदान में आने वाले दर्शकों की सुरक्षा भी अहम होगी। यात्रा के दौरान भी अब काफी कुछ बदला नजर आएगा खास तौर पर मैच से पहले और उसके बाद।
इन दिनों गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर काफी बहस हो रही है इस पर रहाणे ने कहा कि मैं अपने स्तर पर इसे लेकर इंतजार करूंगा।
जब क्रिकेट शुरू होगा तब सबको पता लग जाएगा कि नए नियम क्या होंगे। सिमित ओवर के प्रारूप में वापसी पर उन्होंने कहा कि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में करना चाहता हूं। मुझे खुद पर विश्वास है, लेकिन आपके नहीं पता की भविष्य में क्या होने वाला है।
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