कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया लखनऊ में लोकसभा चुनाव में पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन की समीक्षा करने पहुंचे. हार की वजहों पर चर्चा करने के लिए लाजिमी था कि वो नेता भी बैठक में मौजूद रहते जो चुनाव लड़ रहे थे. किन्तु इस बैठक से लगभग वो सभी कांग्रेसी गायब थे जिनसे सिंधिया को फीडबैक लेना था. जो नेता बैठक में उपस्थित रहे, उन्होंने अपनी हार के लिए कमजोर संगठन, दल-बदलु नेताओं को तरजीह, नेताओं-कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को जिम्मेदार बताया.

रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर से चुनाव लड़ने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल इस बैठक में मौजूद नहीं रहे. यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और फर्रुखाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार सलमान खुर्शीद भी लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय नहीं पहुंचे और इस अहम बैठक से दूर रहे. एक दूसरे महत्वपूर्ण नेता और धौरहरा से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले जितिन प्रसाद भी इस समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए. इन नेताओं की गैर मौजूदगी के बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि इनके न आने से बैठक का उद्देश्य अधूरा जरूर रह गया.
सूत्रों के अनुसार बैठक में शामिल नेताओं ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर से कहा है कि संगठन न होने के कारण प्रदेश में पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं बनाया जा सका. वहीं कुछ नेताओं ने कहा कि पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं के स्थान पर दलबदलु नेताओं को तरजीह दी है. इसकी वजह से कार्यकर्ता ऐसे नेता के पीछे एकत्रित होने में हिचकिचाते रहे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि, “प्रियंका को यूपी सीएम का चेहरा घोषित करने से संबंधित फैसला पार्टी आलाकमान लेगी, किन्तु अभी हमारी प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की है.”
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