बड़ी खबर: यूपी में अमर सिंह के निधन से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर बीजेपी ने दो दिग्गज उम्मीदवार उतारे

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर सैय्यद जफर इस्लाम और गोविंद नारायण शुक्ल ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. बीजेपी के इन दोनों नेताओं के नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशी महेश कुमार का नामांकन निरस्त कर दिया गया है. एक सीट पर बीजेपी की ओर से दो प्रत्याशी मैदान में होने से मामला काफी दिलचस्प हो गया है. शुक्रवार को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है. ऐसे में देखना होगा कि जफर इस्लाम और गोविंद नारायण शुक्ला में से कौन अपना नाम वापस लेता है?

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के निधन से रिक्त हुई सीट पर बीजेपी ने जफर इस्लाम को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, जिन्होंने 29 अगस्त को राज्यसभा का पर्चा दाखिल किया गया था. हालांकि, जफर इस्लाम स्वास्थ्य कारणों से अपना नामांकन दाखिल करने लखनऊ नहीं आ सके थे और उनके प्रतिनिधि के रूप में सूबे के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नामांकन दाखिल किया था. वहीं, नामांकन के अंतिम दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी के महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने दो सेट में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया.

राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए तीन प्रत्याशियों ने पर्चे भरे थे. बुधवार को नामांकन पत्रों के जांच किए गए. इस दौरान बीजेपी के दोनों प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही मिले हैं. निर्वाचन अधिकारी व विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि जफर इस्लाम और गोविंद नारायण शुक्ला के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशी महेश कुमार के प्रस्तावक व अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त कर दिया गया है.

जफर इस्लाम बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के उदारवादी मुस्लिम चेहरा हैं. बीजेपी हाईकमान की तरफ से जफर इस्लाम को प्रत्याशी बनाया गया है. माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से बीजेपी में शामिल कराने के इनाम के तौर पर उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, क्योंकि उन्होंने बहुत ही खामोशी के साथ मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोट्स को अंजाम दिया था.

राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम करते थे. सात साल पहले वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी द्वारा उन्हें अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता पद का प्रभार सौंपा गया. जफर इस्लाम स्वभाव से मृदुभाषी हैं और उनका पीएम मोदी के साथ भी अच्छा संबंध बताया जाता है. ऐसे में जफर इस्लाम से नामांकन वापस कराने का सवाल ही नहीं बनता है.

राजनीतिक गलियारों में बीजेपी द्वारा गोविंद नारायण शुक्ल का नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर तमाम चर्चाएं जोरों पर है. गोविंद नारायण शुक्ला बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता हैं, जो मौजूदा समय में यूपी बीजेपी संगठन में महामंत्री हैं. वो अमेठी से आते हैं और ब्राह्मण समुदाय से हैं. गोविंद नारायण शुक्ला ने नामांकन के जेपीएस राठौर समेत बीजेपी के कई नेता उपस्थित थे. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण पॉलिटिक्स को देखते हुए अब बीजेपी पशोपेश में है कि शुक्रवार को गोविंद नारायण शुक्ला से कैसे नामांकन वापस कराया जाए?

बता दें कि राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों के नामांकन बुधवार को सही पाए गए हैं और अब शुक्रवार को नाम वापसी की तारीख है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पत्रकारों से कहा कि दूसरा नामांकन केवल औपचारिकता के लिए कराया गया है जबकि चर्चा यह भी है कि पार्टी में ब्राह्मण लॉबी के दबाव के चलते यह फैसला लिया गया है. ऐसे चार सितंबर को नाम वापसी के दिन तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी और तय हो जाएगा कि कौन प्रत्याशी उच्चसदन जाएगा.

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