लेकिन बैंक को इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा सकता है कि उसके कर्मचारियों ने जरूरी नियम का पालन नहीं किया और चेक को क्लीयर करने में लापरवाही बरती। इसी केमद्देनजर पीठ ने कहा कि कंपनी को उसके द्वारा क्लेम की गई पूरी राशि(1.5 करोड़ रुपये) नहीं मिल सकती। पीठ ने कहा कि ऐसे मामले में बैंक की पूरी तरह तो जवाबदेह नहीं माना जा सकता क्योंकि चेक को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी कंपनी की थी। पीठ ने कहा कि उचित यह रहेगा कि बैंक कंपनी को 50 लाख रुपये अदा करें। बैंक को एक महीने के भीतर यह रकम कंपनी को देने का निर्देश दिया गया है।
#बड़ी खबर: फर्जी हस्ताक्षर वाले चेक किए क्लीयर, यूको बैंक को करनी पड़ेगी भरपाई…
फर्जी हस्ताक्षर वाले दो चेक को क्लीयर करने में लापरवाही बरतने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूको बैंक को भरपाई करने के लिए कहा है। बैंक से एक कंपनी को 50 लाख रुपये देने के लिए कहा गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक अपनी जवाबदेही से पीछे नहीं हट सकता और वह भी तब जब हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने हस्ताक्षर को फर्जी बताया था।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि सरकारी बैंक विभागीय जांच और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद अपनी जवाबदेही से पीछे नहीं हट सकता। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट में कहा गया था कि बैंक अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह फर्जीवाड़ा हुआ। पीठ ने कहा कि बैंक ही यह दलील इस हद तक सही है कि चेक को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी कंपनी पर थी क्योंकि उसी केएक कर्मचारी ने दो चेक चोरी कर 31 लाख रुपये बैंक से निकाल लिए।