दिल्ली हिंसा की आरोपी नताशा नरवाल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दे दी. जाफराबाद हिंसा वाले केस में नताशा को गुरूवार को जमानत मिली. कोर्ट ने जमानत देते वक्त कहा कि जो वीडियो दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दिखाए हैं, उनसे नहीं साबित होता कि नताशा हिंसा में शामिल थीं या हिंसा को भड़का रही थीं.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने 30 हजार रुपये के निजी मुचलके पर नताशा नरवाल को बेल दी है. कोर्ट ने माना है कि नताशा गैरकानूनी तरीके से इकठ्ठा हुई भीड़ का हिस्सा थीं, लेकिन कहीं ये नहीं साबित हो रहा कि उन्होंने हिंसा भड़काई. जाफराबाद में हुई हिंसा में अमान नाम के एक शख़्स की मौत हुई थी. कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि नताशा और देवांगना ने सुनियोजित ढंग से हिंसा भड़काई थी.
खैर, नताशा नरवाल को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि वो एफआईआर 59 में दिल्ली पुलिस ने उन्हें यूएपीए के तहत आरोपी बनाया है. इसी केस में दिल्ली हाईकोर्ट देवांगना कलीता को पहले ही जमानत दे चुका है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने देवांगना कलीता को बेल देते हुए कहा था कि जांच एजेंसियां ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं दे पाई हैं, जिससे ये साबित होता हो कि देवांगना के किसी भाषण ने एक समुदाय की महिलाओं भड़काया हो या फिर उनके भाषण से हिंसा भड़की, जिससे जान माल का नुकसान हुआ.
23 मार्च को नरवाल को जाफराबाद में कुछ एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दायर एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, उसे तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया था. उसे जमानत पर रिहा किए जाने के कारण, दिल्ली दंगों के लिए उकसाने के आरोप में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी और वह तब से न्यायिक हिरासत में हैं.