कोरोना वायरस से जंग जीतने की होड़ में शोधकर्ता, वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, फार्मा कंपनियां और टेक्नोलॉजी कंपनियां लगातार काम कर रही हैं। इसी बीच टाटा समूह ने कोरोना की जांच की नई किट तैयार की है, जिसे फेलुदा कहा जाता है। खास बात यह है कि इस किट को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने मंजूरी दे दी है।

टाटा समूह की ओर से विकसित की गई किट मात्र पांच सौ रुपये में आधे घंटे के भीतर कोविड-19 का परिणाम दे देगी। कंपनी ने क्लस्टर्ड रेग्युलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिनड्रॉनमिक रिपीट्स कोरोना टेस्ट (CRISPR कोरोना टेस्ट) को सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जेनॉमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (CSIR-IGIB) के साथ मिलकर तैयार किया है।
फेलुदा किट का अब सार्वजनिक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। फेलुदा भारत की पहली पेपर आधारित टेस्ट किट है। बता दें कि अभी कहीं भी आरटी-पीसीआर किट से कोरोना टेस्ट कराने में 1,600-2,000 रुपये लग जाते हैं। इसके अलावा फेलुदा सत्यजीत रे की फिल्मों का एक किरदार रहा है और कई कहानियों का हिस्सा भी है।
फेलुदा किरदार बंगाल में रहने वाला प्राइवेट जासूस है, जो छानबीन कर हर समस्या का हल निकाल लेता है। टाटा समूह ने अपने कोविड-19 टेस्ट का नाम वहीं से लिया है। फेलुदा टेस्ट सार्स-कोव 2 वायरस के जेनॉमिक सीक्वेंस का पता लगाने के लिए स्वदेशी सीआरआईएसपीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है।
ये प्रोटीन का इस्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला ऐसा परीक्षण है, जो सफलतापूर्वक कोरोना वायरस की पहचान कर लेता है। टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के सीईओ गिरीश कृष्णमूर्ति कहते हैं कि टाटा समूह की किट को मंजूरी मिलने से वैश्विक तौर पर कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी।
विज्ञान और तकनीक मंत्रालय ने कहा कि फेलुदा से किए गए कोरोना टेस्ट के परिणाम 98 फीसदी सटीक हैं। ये टेस्ट 96 फीसदी संवेदनशीलता के साथ कोरोना वायरस की पहचान करता है। ये दुनिया का पहला ऐसा परीक्षण है, जो प्रोटीन का इस्तेमाल कर किया जाएगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal