दिल्ली-एनसीआर में चल रहा किसान आंदोलन 2 महीने पूरे करने जा रहा है. आज आंदोलन का 58वां दिन है. पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. सरकार इन कानूनों को 18 महीनों तक के लिए रोकने पर सहमत हो गई है, लेकिन किसान कानून को रद्द करने के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं. किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड पर दिल्ली के रिंग रोड में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है.

किसान कुछ देर में दिल्ली पुलिस को ट्रैक्टर रैली का रूट सौंप सकते हैं. किसानों ने दिल्ली पुलिस को जो एक रूट का सुझाव दिया है वो रूट सिंघु-संजय गांधी अस्पताल और बवाना है.
वहीं किसानों को परेड की इजाजत देने पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसानों को सेंट्रल दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस किसानों के द्वारा दिए जाने वाले रुट मैप का इंतजार कर रही है. इसके बाद किसानों और पुलिस की फाइनल मीटिंग होगी. किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए लिखित में रूट देना होगा. किसान सेंट्रल दिल्ली में ट्रैक्टर परेड नहीं कर सकेंगे. गणतंत्र दिवस परेड के बाद ही वो अपनी ट्रैक्टर परेड निकाल सकेंगे.
पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा है कि कई किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे ही, दिल्ली पुलिस इसके लिए अनुमति दे अथवा नहीं.
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