बड़ी खबर: आसमान में भारत की 'आंख' बनेगा कार्टोसैट-2

बड़ी खबर: आसमान में भारत की ‘आंख’ बनेगा कार्टोसैट-2

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 12 तारीख को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 40 के साथ 31 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं। भारत के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पिछले साल अगस्त में पीएसएलवी-सी 39 का मिशन फेल हो गया था। इसके बाद प्रक्षेपण यान पीएसएलवी को फिर से तैयार किया गया।बड़ी खबर: आसमान में भारत की 'आंख' बनेगा कार्टोसैट-2कोई रॉकेट फेल हो जाए तो उसे मरम्मत करके दोबारा नया जैसा बनाकर लांचिंग पैड पर उतारना बहुत बड़ी बात है। ये भारत का ‘वर्कहॉर्स रॉकेट’ है जिसके फेल होने से भारत की दिक्कतें बहुत बढ़ जाती हैं।

इस रॉकेट में खास बात ये है कि ये 30 मिनट के मिशन में उपग्रहों को छोड़ने के बाद दो घंटे और चलेगा। इन दो घंटों में रॉकेट की ऊंचाई कम की जाएगी और एक नई कक्षा में नया उपग्रह छोड़ा जाएगा। ये एक अलग किस्म का मिशन है। इस बार पीएसएलवी के साथ भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह भी है जिसे इसरो ने तैयार किया है। इसमें सबसे बड़ा उपग्रह भारत का कार्टोसैट 2 सीरीज का उपग्रह है।

28 अन्य उपग्रह इसमें सहयात्री की तरह हैं। इनमें अमरीका, ब्रिटेन, फिनलैंड, दक्षिण कोरिया के उपग्रह भी शामिल हैं। ऐसे उपग्रह छोड़ने से इसरो की थोड़ी कमाई भी हो जाती है। शुक्रवार के लांच में भारत ने एक खास उपग्रह छोड़ा है जिसका नाम कार्टोसैट-2 है। इसे ‘आई इन द स्काई’ यानी आसमानी आंख भी कहा जा रहा है। ये एक अर्थ इमेजिंग उपग्रह है जो धरती की तस्वीरें लेता है। इसका भारत के पूर्वी और पश्चिमी सीमा के इलाकों में दुश्मनों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com