ब्रिटेन में अचानक से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। 19 जुलाई से यहां पर कोरोना से जुड़ी पाबंदियों में छूट दी जानी थी। लेकिन अब एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार को इसे लेकर जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए। शुक्रवार को यहां पर कोरोना संक्रमण के 35 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले पांच महीने में यह सबसे ज्यादा हैं। इस बीच द एकेडमी आफ मेडिकल रॉयल कॉलेज एएमआरसी ने बंदिशों में छूट दिए जाने पर चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि चीजें बेहतर होने से पहले ही खराब हो जाएंगी। ब्रिटेन और आयरलैंड की इस संयुक्त संस्था के बयान में कहा गया है कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी पाबंदियां जारी रहनी चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में ब्रिटेन में एक लाख पर 410 केस का औसत आंकड़ा था। दुनिया के हिसाब से देखें तो यह सबसे ज्यादा है। इस बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 19 जुलाई को आजादी का दिन बताया है। हालांकि विशेषज्ञों ने उनके इस वक्तव्य पर चिंता जाहिर की है। एएमआरसी की चेयरमैन प्रोफेसर हेलेन स्टोक्स लैंपार्ड ने इसको लेकर बीबीसी रेडियो 4 के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस बात को लेकर कुछ गलतफहमी हो गई है कि 19 जुलाई से जिंदगी सामान्य हो जाएगी। लैंपार्ड के मुताबिक इस दिन के बाद अगर सावधानियां कम की गईं तो यह लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा देगा
लैंपार्ड ने आगे कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोग यह जानें कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। 19 जुलाई के बाद भी लोगों को जिम्मेदारी और सावधानी के साथ रहना होगा। एएमआरसी के मुताबिक देश में कोरोना केसेज में फिर बढ़ोत्तरी होगी। इससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दवाब पड़ेगा। यहां पर अभी पुराने मामलों को सुलझाने में ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि यह शीतऋतु की एक खराब जुलाई होने जा रही है।
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