बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंची दिल्ली-NCR की आबोहवा, निजी वाहनों पर लगेगा प्रतिबंध

पड़ोसी राज्यों में लगातार पराली जलाने और एनसीआर में निर्माण कार्य जारी रहने की वजह से मंगलवार को दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में हवा की गुणवत्ता इस सीजन में पहली बार खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 दर्ज किया गया। दिन भर हवा में धूल के महीन कणों पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा मानक से पांच से सात गुना ज्यादा रही।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही बृहस्पतिवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू करने का फैसला किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। इससे खासतौर से अगले दस दिन तक सभी निर्माण गतिविधियां बंद रहेंगी। स्टोन क्रशर भी नहीं चलेंगे और कोयले से चलने वाली फैकट्री पर भी रोक रहेगी।

मंगलवार को दिल्ली समेत एनसीआर के सभी शहरों में सूचकांक 400 से ऊपर चला गया। सबसे बुरी हालत गाजियाबाद की रही। यहां का सूचकांक 451 दर्ज किया गया। टेरी की प्रो. कामना सचदेवा का कहना है कि नासा की तस्वीरों से साफ है कि बीते दस दिन से पड़ोसी राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों का अवशेष जलाया जा रहा है।

कल से ग्रैप लागू, जरूरत होने पर निजी वाहनों पर भी लगेगी पाबंदी
एक नवंबर से दिल्ली समेत एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो जएगा। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने कहा है कि फिलहाल निजी वाहन चलते रहेंगे, लेकिन स्थिति गंभीर होने की हालत में इन भी पाबंदी लगाई जा सकती है। औद्योगिक इलाकों में कचरे को जलाने से रोकने के लिए दिन के साथ रात में भी पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। 

प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रहेगी नजर, केंद्र व दिल्ली सरकार की 44 टीमें तैनात

दिल्ली में प्रदूषण पर निगरानी सिस्टम मजबूत करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार की 44 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें अलग-अलग इलाकों का दौरा कर जमीनी हकीकत की जांच करेंगी। कहीं भी प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां चलती पाई गईं तो संबंधित एजेंसी पर सख्त कार्रवाई होगी।       

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि टीम में एसडीएम, तहसीलदार, तीनों एमसीडी, डीपीसीसी, केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल होंगे।

बृहस्पतिवार से सभी टीमें अलग-अलग इलाकों का दौरा करेंगी और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की जांच करेंगी। टीम की कचरे व लकड़ी को जलाने, वाहन प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, निर्माण स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों आदि क्षेत्रों पर खास नजर रहेगी।

हुसैन ने बताया कि जल्द ही केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक नवंबर से अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें दिल्लीवालों से अपील की जाएगी कि वह ऐसा कोई काम न करें, जिससे प्रदूषण की मात्रा में इजाफा हो। 

इमरान हुसैन ने वसंत कुंज का किया दौरा
पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने वसंत कुंज से आईजीआई एयरपोर्ट के बीच निर्माणधीन फ्लाईओवर व अंडरपास का दौरा किया। पर्यावरण मंत्री ने दोनों प्रोजेक्ट के ठेकेदारों को निर्देश दिए कि वह काम करने के दौरान खास ध्यान रखें कि धूल न उड़े। वहीं, निर्माण सामग्री लाते वक्त भी एहतियात बरती जाए। निर्माण स्थल पर एनजीटी की गाइडलाइन के सख्ती से पालन का निर्देश पर्यावरण मंत्री ने दिया है। निर्माण सामग्री कहीं भी खुले में न रखी जाए।

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