संपत्ति विवाद में अपनी मां के खिलाफ बेटे की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने बेकार बताते हुए न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला बुजुर्ग मां-बाप का बच्चों द्वारा उत्पीड़न किए जाने का उदाहरण और बॉलीवुड फिल्म “102 नॉटआउट” की कहानी है।
अदालत ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को कानून के खिलाफ और आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को छह हफ्ते के भीतर मां को जुर्माने की रकम का भुगतान करने का आदेश दिया। फैसला सुनाते हुए जस्टिस मेहता ने कहा कि आजकल के बच्चे संपत्ति के लिए अपने बुजुर्ग मां-बाप को परेशान करते हैं। हमारे समय में ऐसी घटनाएं बहुत अप्रत्याशित नहीं है। ऐसी ही एक कहानी का फिल्म में चित्रण किया गया है।
महिला के वकील ने अदालत को बताया कि याची ने मां के साथ उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। ऐसे में संपत्ति पर हक को लेकर अदालत को रुख स्पष्ट करना चाहिए, अन्यथा याची अपनी मां को परेशान करता रहेगा। याचिका के अनुसार, विधवा महिला की एक बेटी व एक बेटा हैं। बेटी ने चितरंजन पार्क स्थित संपत्ति में बंटवारे के लिए याचिका दायर की। महिला ने इसके लिए बेटी को समर्थन दिया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal