बॉलिवुड अभिनेता सैफ अली खान इन दिनों अपनी फिल्म कालाकांडी के प्रमोशन में जुटे हैं, इसी सिलसिले में नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से बातचीत में सैफ ने बेटे तैमूर के बारे में भी बात की, बच्चों को बोर्डिंग स्कूल या विदेश भेजकर पढ़ाने की बात पर सैफ ने कहा, ‘हम तैमूर को भी बोर्डिंग स्कूल भेजेंगे, लेकिन जब वह 13 साल के हो जाएंगे।’ सैफ आगे कहते हैं, ‘कभी-कभी ऐसा होता है कि माता-पिता अपने बच्चों को हमेशा अपने नजदीक ही रखते हैं, यह सामान्य सी बात है… लेकिन बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए जरूरी होता है एक अच्छा वातावरण जो दूसरे हमउम्र बच्चों के साथ मिलकर बनता है। एक शहर या घर में माता-पिता के साथ बच्चों कि परवरिश की अपेक्षा कुछ बोर्डिंग स्कूल की परवरिश ज्यादा बेहतर होती है। कुछ बोर्डिंग स्कूल बच्चों को वह चीजें सिखाते हैं जो आप घर पर नहीं सिखा पाते हैं, जैसे राइडिंग, आउटडोर और तमाम चीजें, इस तरह से हुई परवरिश से बच्चा समझदार और और हर मामले में संतुलित होता है।’
एक बेहतर जिंदगी जीने का फ़ॉर्म्युला बताते हुए सैफ कहते हैं, ‘बेहतर जिंदगी जीने के लिए बैलेंस, नियंत्रण और शांति जरूरी है। हर समय हर चीज के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बात कम और दूसरों को सुनना ज्यादा चाहिए, असल जिंदगी में लोगों की एक कोशिश रहती है कि वह अपने आप को दूसरों के सामने ज्यादा साबित करने की कोशिश करते हैं, हमेशा खुद को साबित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, ज्यादा बातूनी होना भी ठीक नहीं है।’